महान भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग ने 2018 में एक चेतावनी दी थी, जिसमें उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि अगर मनुष्य ने जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों के अनियंत्रित उपयोग पर काबू नहीं पाया, तो पृथ्वी 2600 तक जीवन के लिए उपयुक्त नहीं रहेगी। उनका यह बयान न केवल दुनिया भर के वैज्ञानिकों के लिए एक अलार्म था, बल्कि यह भविष्य में पृथ्वी के अस्तित्व को लेकर गंभीर सवाल भी खड़ा करता है।
हॉकिंग का कहना था कि पृथ्वी के मौजूदा संकटों के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए, नहीं तो हमारे लिए एक सुरक्षित और जीवनदायिनी ग्रह पर रहना असंभव हो जाएगा।
हॉकिंग की भविष्यवाणी और नासा का समर्थन
स्टीफन हॉकिंग ने अपनी भविष्यवाणी में यह भी बताया था कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ती जनसंख्या के कारण पृथ्वी पर जीवन के लिए स्थितियां बेहद खराब हो जाएंगी। नासा ने भी इस पर अपनी चिंता जताई और कहा कि ये प्रभाव अब उलटे नहीं जा सकते। वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण पृथ्वी का तापमान बढ़ता जा रहा है, जिससे बर्फीली चादरें पिघल रही हैं और समुद्र स्तर ऊँचा हो रहा है, जो तटीय इलाकों में बाढ़ जैसी आपदाओं को जन्म दे सकता है।
ग्लोबल वार्मिंग और पृथ्वी का आग के गोले में बदलना
हॉकिंग का मानना था कि पृथ्वी पर ग्लोबल वार्मिंग के चलते स्थिति इस कदर विकट हो सकती है कि हमारा ग्रह आग के विशाल गोले में बदल सकता है। इससे न केवल जीवन के लिए उपयुक्त वातावरण समाप्त हो जाएगा, बल्कि पृथ्वी की जैविक विविधता भी नष्ट हो जाएगी। यह परिदृश्य हम सभी के लिए एक गंभीर चेतावनी है, कि अगर हम नहीं संभले, तो पृथ्वी की जीवनदायिनी अवस्था को बनाए रखना संभव नहीं होगा।
तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता
हॉकिंग और नासा दोनों ने ही कहा था कि अगर जलवायु परिवर्तन को रोका नहीं गया तो इसका प्रभाव न केवल पृथ्वी पर जीवन को खतरे में डाल सकता है, बल्कि यह पूरी तरह से हमारे अस्तित्व को समाप्त कर सकता है। हॉकिंग ने पर्यावरण को बचाने के लिए संसाधनों का संतुलित उपयोग करने, प्रदूषण को नियंत्रित करने और वनस्पति संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाने की सख्त सलाह दी।
दूसरे ग्रहों पर जीवन और मंगल ग्रह पर बस्ती बसाने की आवश्यकता
हॉकिंग ने यह भी कहा कि अगर पृथ्वी पर जीवन को बचाए रखना है तो मानवता को अन्य ग्रहों पर बस्ती बसाने के बारे में गंभीरता से विचार करना होगा। मंगल ग्रह, जो वर्तमान में वैज्ञानिकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, पर जीवन स्थापित करने के प्रयासों को गति दी जा रही है। इन प्रयासों के तहत मंगल ग्रह को रहने योग्य बनाने के लिए कई अंतरिक्ष एजेंसियाँ काम कर रही हैं।
नासा की चेतावनी और सांस लेने योग्य घर
नासा ने ग्लोबल वार्मिंग और अन्य पर्यावरणीय संकटों को लेकर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अब हम उस मोड़ पर पहुँच चुके हैं जहां पृथ्वी की बचत के लिए कदम उठाना अनिवार्य हो गया है। नासा ने यह भी कहा कि अगर पृथ्वी पर जीवन को बचाना है, तो हमें अंतरिक्ष में सांस लेने योग्य घर बनाने पर भी विचार करना होगा।
अभी वक्त है बदलाव का
स्टीफन हॉकिंग और नासा दोनों ही यह मानते थे कि अगर हम अभी भी अपने कार्यों को सही दिशा में मोड़ें तो पृथ्वी के भविष्य को बचाया जा सकता है। जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, और संसाधनों के अत्यधिक उपयोग को नियंत्रित करके हम अपने ग्रह को बचा सकते हैं।