Himachali Khabar
हरियाणा के सिरसा में स्वास्थ्य कर्मचारी संघ संबंधित भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले जिला सिरसा की टीम के द्वारा सिविल सर्जन के मार्फत मिशन निदेशक को ज्ञापन दिया। जिसमें जिला प्रेस सचिव अनिल मलिक ने बताया की किस प्रकार वित्त विभाग हरियाणा की अनुचित सलाह पर मिशन निदेशक, हरियाणाए पंचकुला द्वारा एनएचएम कर्मचारियों के बढ़े हुए वेतन को कम करने के लिये गैर सवैधानिक पत्र किया जारी किया गया था।
हरियाणा सरकार द्वारा 1 जनवरी 2018 से स्टेट हैल्थ मिशन हरियाणा अनुबंधित कर्मचारी सेवा उप-नियम 2018 को लागू किया गया है। जिसमें कर्मचारी की 5 वर्ष की संतोषजनक सेवा उपरान्त उसे छठे वेतनमान के अनुसार बेसिक पे-ग्रेड पे महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता सहित वेतन प्रदान करने एंव 10 वर्ष की संतोषजनक सेवा उपरान्त बेसिक पे ग्रेड पे, महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता चिकित्सा भत्ता सहित वेतन प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
वर्ष 2018 से लगातार एनएचएम कर्मचारियों को उक्त नियमानुसार वेतन प्रदान किया जा रहा है व प्रत्येक एनएचएम कर्मचारी की कार्यग्रहण तिथि अनुसार क्रमश: एक जुलाई/एक जनवरी को वार्षिक वेतनवृद्धि दी जाती है। मिशन निदेशक हरियाणा, पंचकुला द्वारा 27 नवंबर 2024 को वित्त विभाग हरियाणा के पत्र के आधार पर कर्मचारी का वेतन फ्रीज करने बारे लिखते हुए कर्मचारी का वेतन 27 जून 2024 से आगामी न बढ़ाने का पत्र 27 नवंबर 2024 को जारी कर दिया गया है, जोकि स्टेट हैल्थ मिशन हरियाणा अनुबंधित कर्मचारी सेवा उप-नियम 2018 के नियम नंबर 13 के विरूद्ध है एंव चूंकि पत्र 27 नवंबर 2024 को जारी किया गया है, जबकि श्रम कानुन के अनुसार पूर्वव्यापी वेतन देने का कोई नियम नहीं है। जिन कर्मचारियों को 1 जुलाई को वार्षिक वेतनवृद्धि/अन्य लाभ प्रदान हो चुके है एंव जिन कर्मचारियों की 5 वर्ष की संतोषजनक सेवा एक जुलाई के बाद तथा 27 नवंबर 2024 से पहले पूर्ण हो रही है उनको बढ़े हुए वेतन के स्थान पर पुन: 27 जून 2024 के आधार पर कम वेतन प्रदान करना सर्विस उप.नियमों श्रम नियमों के खिलाफ है। ज्ञापन में अनुरोध किया गया है कि राज्य स्वास्थ्य मिशन हरियाणा के लगभग 10000 कर्मचारियों को 27 नवंबर 2024 से पहले सेवा उप.नियम के बिन्दु नंबर 13 के तहत प्रदान किए गए लाभ को निरन्तर रखते हुए जनवरी माह में उनको 27 जून 2024 के बाद में दिए गए लाभ के आधार पर वेतन जारी किया जाये अगर सरकार व प्रशासन द्वारा सेवा नियमों को फ्रीज करने के आदेशो को निरस्त नहीं किया जाता है तो हरियाणा प्रदेश का समस्त एनएचएम कर्मचारी आन्दोलन एवं कानूनी कार्यवाही के लिये विवश होगा, जिसकी पूर्णतया जि मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी। कर्मचारियों को स बोधित करते हुये प्रदेश अध्यक्ष विपिन कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का राज्य स्तरीय प्रतिनिधिमण्डल 3-4 बार सीएम तथा 3-4 बार ही स्वास्थ्य मन्त्री से मिल चुका है, उनके द्वारा बार-बार आश्वस्त करने पर भी वित विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा मु यमन्त्री एवं स्वास्थ्य मन्त्री को गुमराह किया जा रहा है तथा बार-बार कर्मचारी विरोधी पत्र जारी किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि दो नवंबर 2021 को तत्कालीन सीएम द्वारा एनएचएम कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग देने की सैंद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गई थी, जो कि आज तक ल िबत तो है ही, इसके विपरित कर्मचारियों से छटे वेतन का लाभ भी छीना जा रहा है, जो कि बहुत ही निन्दनीय है। वर्षों से नाममात्र वेतन में अपनी सेवा इस उ मीद के साथ दे रहे हैं कि उनके 5 साल पूर्ण होने पर स मानजनक वेतन प्राप्त होगा, इन कर्मचारियों के जनवरी के प्रथम एवं द्वितीय सप्ताह में 5 साल पूर्ण हो रहें हैं, मिशन निदेशक के तुगलकी पत्र ने इन कर्मचारियों के आर्थिक हितों पर कुठाराघात किया है। जबकि इन कर्मचारियों के भर्ती विज्ञापन में स्पष्ट अंकित किया गया था कि 5 साल की सेवा पूर्ण होने उपरान्त महंगाई भत्ते का लाभ दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि यदि विभाग द्वारा तुगलकी पत्र को निरस्त नहीं किया जाता है तो संघ राज्य स्तरीय आन्दोलन करने पर मजबूर होगा।