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क्या राजा – महाराजा भी शौच के लिए खेतों में जाते थे? जानिए सच्चाई.

क्या राजा – महाराजा भी शौच के लिए खेतों में जाते थे? जानिए सच्चाई.
क्या राजा – महाराजा भी शौच के लिए खेतों में जाते थे? जानिए सच्चाई.

भारत की सभ्यता प्राचीन काल से ही काफी विकसित है। राजा महाराओं दवारा बनाए गए महलों में छोटे कमरे देखने को मिलते हैं, जोकि टॉयलेट होते थे। जैसे की आप तस्वीर में देख सकते हैं, यह राजस्थान के किले का शाही टॉयलेट है। इस टॉयलेट का स्तेमाल सिर्फ राजपरिवार किया करते थे। ये एक बहुत ही सुविधा जनक टॉयलेट था।

आज से लगभग 5000 साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता की खुदाई में भी टॉयलेट्स मिले है। खुदाई के दौरान टॉयलेट्स में दोनों फ्लश टॉयलेट और नॉन फ्लश टॉयलेट मिले है। नालियों का जाल भी बिछा हुआ मिला है जो कचरे को बहार करने में काम आता था।

आप जो देख रहे हैं, ये खुदाई में मिला एक ड्राई टॉयलेट है। जैसे आज कल के सम्प टॉयलेट्स होते है। ये दिखने में वेस्टर्न टॉयलेट जैसा ही होता था। लेकिन ये मिला पूर्व में है वो भी 5000 साल पहले। ये एक और खुदाई में मिला टॉयलेट है जो इंडियन सत्यले का है।

इन सभी खोजो से ज्ञात होता है कि भारत के लोग प्राचीन काल से स्वछता का ध्यान रखते थे। सुव्यवस्थित जीवन जीते थे।

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