चाय हर घर में बनती हैं और लोग इसे थकान मिटाने के लिए पीते है। अक्सर लोग चाय बनाने के बाद इसकी पत्ती को बेकार समझ कर फैंक देते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस उबली हुई पत्ती को घर पर बहुत से कामों के लिए इस्तेदमाल किया जा सकता है।
आइए जानते हैं इसे इसके 12 बेहतरीन फायदों के बारे में :
- चोट लगने पर उबली हुई चाय की पत्ती घाव में भरने से इसमें से खून बहना बं हो जाता है।
- बालों को नर्म, मुलायम और चमकदार बनाने के लिए मेंहदी में चाय की पत्ती, आंवले का पाऊडर मिलाकर लगाने से फायदा मिलता है।
- काबुली चने बना रही हैं तो चने उबालते समय चाय की पत्ती की पोटली बनाकर डाल दें। इससे चने का रंग और स्वाद अच्छा हो जाएगा।
- लकड़ी का फर्नीचर गंदा हो गया हो तो उसे साफ करने के लिए पानी में पत्ती उबाल कर उस पानी से फर्नीचर और शीशे साफ करें चमक जाएगें।
- चाय बनाने के बाद बची हुई पत्ती को अच्छे से धो लें। मनीप्लांट और गुलाब पौधे में डालें यह खाद का काम करेगी।
- चाय बनाने के बाद बची हुई पत्ती को दोबारा उबाल कर उस पानी से घी और तेल के चिकनाई वाले डिब्बे साफ करें। इससे दुर्गंध खत्म हो जाएगी।
- मक्खियों ने परेशान कर दिया हो तो पहले से धो कर रखी हुई चाय की पत्ती को गीला करके वहां पर रगड़ दें जहां पर मक्खियां बैठी हो। दोबारा उल जगह पर ये नही आएगी।
- चायपत्ती में एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं. ऐसे में चोट या किसी जख्म पर चायपत्ती का लेप लगाना फायदेमंद रहता है. उबली हुई चायपत्ती को अच्छी तरह धो लें. इसे चोट पर लगाने से घाव जल्दी भर जाएगा. इसके अलावा आप चाहें तो चायपत्ती को धोकर दोबारा उबाल लें. इस पानी से घाव धोना भी फायदेमंद रहेगा।
- चायपत्ती का पानी एक बेहतरीन कंडिशनर होता है. चायपत्ती को धोकर दोबारा उबाल लें. इस पानी से बालों को धोएं. इससे बाल चमकदार और सॉफ्ट हो जाएंगे।
- चायपत्ती को दोबारा धोकर सुखा लें. काबुली चने बनाते समय इस चायपत्ती का इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे चने की रंगत निखर जाएगी।
- इस चायपत्ती को दोबारा उबाल लें. इस पानी को एक स्प्रे बॉटल में भरकर, फर्नीचर की सफाई करें. इससे फर्नीचर चमक उठेंगे।
- बची हुई चायपत्ती को अच्छी तरह साफ कर लें. इस चायपत्ती का इस्तेमाल खाद के रूप में भी किया जा सकता है।