100 साल बाद गंगा दशहरा पर 4 अद्भुत संयोग…ऐसे करें पूजा मिलेगी 10 तरह के पापों से मुक्ति

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का महापर्व मनाया जाता है. इस दिन गंगा नदी में स्नान और पूजा के साथ दीपदान का विशेष महत्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा स्नान से हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है. इतना ही नहीं इस दिन गंगा स्नान से पितर भी प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मां गंगा का अवतरण भूलोक पर हुआ था. अतः हर वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर गंगा दशहरा मनाया जाता है.

इस बार गंगा दशहरा का पर्व 16 जून को मनाया जाएगा. वैदिक पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन इस बार 4 शुभ संयोग बन रहे हैं जो गंगा स्नान का फल दोगुना कर देंगे .ज्योतिष के जानकारों के अनुसार करीब 100 साल बाद गंगा दशहरा पर ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है.

बन रहे 4 अद्भुत संयोग

काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि गंगा दशहरा के दिन हस्त नक्षत्र है इसके अलावा सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ अमृत योग और रवि योग का भी अद्भुत संगम है .ऐसे में यह चार शुभ संयोग गंगा दशहरा के दिन मनोकामनाओं की पूर्ति करेंगे.

पूरे दिन रहेगा रवि योग

पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि हिन्दू पंचांग के अनुसार, 16 जून को सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत योग है. इसके अलावा पूरे दिन रवि योग का शुभ संयोग भी बना हुआ है

.

10 पापों से मिलेगी मुक्ति

पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान से 10 तरह के पापों से मुक्ति मिल जाता है. इसमें 3 शारीरिक, 4 मानसिक और 3 वाचिक पाप होते हैं. पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस दिन सुबह उठकर ब्रह्म मुहूर्त में एकाग्र मन से गंगा स्नान करना चाहिए.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *