

राजमुंदरी: ससुराल में दामाद की खातिरदारी तो भारत के हर हिस्से में अलग-अलग रीति रिवाज से होती है। आंध्रप्रदेश के कोनसीमा जिले में एक दामाद का ससुरालवालों ने संक्रांति के मौके पर ऐसा स्वागत किया, जिसे वह कभी नहीं भूल पाएंगे। ससुराल पहुंचने पर उसे लंच में 666 तरह के व्यंजन परोसे गए। देश भर के व्यंजन भी ऐसे, जिसके बारे में किसी ने सोचा नहीं था। उनके लिए दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिरों के प्रसाद की स्पेशल व्यवस्था की गई थी। ससुराल में हुए इस स्वागत से दामाद इतने भावुक हो गए और उनकी आंखें छलक आईं। वह कई मिनट तक रोते रहे।
पहली बार ससुराल पधारे थे इंजीनियर साहब
आंध्र प्रदेश के कोनसीमा जिले के मैकेनिकल इंजीनियर गंधम हेमंत शादी पिछले साल हुई थी। वह जर्मनी में काम करते हैं। 14 जनवरी को वह अपनी पहली संक्रांति अपने ससुराल में मनाने आए थे। ससुराल में नए दामाद के लिए एक बड़ा सरप्राइज रखा गया था। दोपहर के लंच में उन्हें देश भर से 666 तरह के व्यंजनों से भरपूर एक शानदार भोजन परोसा गया, जिनमें वेज, नॉनवेज, फ्रूट, ड्राई फ्रूट, नेचुरल फूड, कई तरह के कोल्ड ड्रिंक्स, हर्बल ड्रिंक्स शामिल था। नॉनवेज के ही 200 से अधिक आइटम, वेज-नॉनवेज अचार, सैकड़ों तरह की करी के अलावा गन्ना भी दिया गया। इतना ही नहीं, तिरुपति, श्रीशैलम, अन्नावरम, सिंहाचलम, अप्पनपल्ली और विजयवाड़ा के कनक दुर्गा मंदिर जैसे सभी महत्वपूर्ण मंदिरों से प्रसादम भी विशेष तौर से मंगवाया गया।
40 रसोइयों ने 7 घंटे तक बनाया खाना
हेमंत के ससुर जंगा बुज्जी ने कहा कि परिवार के सदस्यों की मदद से लगभग 40 रसोइयों ने दोपहर के भोजन के लिए सुबह 3 बजे से दोपहर 12 बजे तक भोजन तैयार किया। उन्होंने बताया कि वह अपने दामाद के पहली बार आने के मौके को एक यादगार अवसर बनाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि वह पहले साल के 365 दिनों से मिलते-जुलते 365 प्रकार के व्यंजन परोसना चाहते थे, मगर बाद में 666 प्रकार के व्यंजन परोसने का फैसला किया। आंध्र की संस्कृति में 666 यह एक शुभ संख्या है। उनके दामाद अपनी भावनाओं को छिपा नहीं पाए और कई मिनटों तक उनके खुशी के आंसू बहते रहे।