राजस्थान में 1400 करोड़ रूपए की लागत से यहां बनेगा हाईवे, दिल्ली तक सफर होगा शानदार

Rajasthan News : झुंझुनूंवासी अब दिल्ली से दूर नहीं रहेंगे। अगले वर्ष झुंजनूं-चिड़ावा-सिंघाना-पचेरी राजमार्ग का काम शुरू होगा। यह लगभग 1400 करोड़ रुपये का खर्च होगा। केन्द्रीय सड़क व परिवहन मंत्रालय ने इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने जयपुर में राज्यस्तरीय निवेशक सम्मेलन में शेखावाटी में 2500 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं का ऐलान किया। नए परियोजनाओं से झुंझुनूं चूरू सीकर और नीमकाथाना जिलों की जनता लाभान्वित होगी।

लोगों को मिलेगी जाम से राहत

झुंझुनूं जिले में 1400 करोड़ रुपये की लागत से झुंझुनूं-चिड़ावा-सिंघाना-पचेरी राजमार्ग बनाया जाएगा। इसके अलावा 600 करोड़ रुपये की लागत से सिंघाना-खेतड़ी-जसरापुर-नगलीसलेदी-भाटीवाड़ राजमार्ग का निर्माण भी मंजूर किया गया है। 500 करोड़ रुपये की लागत से सीकर-लक्ष्मणगढ़-फतेहपुर बाईपास बनाया जाएगा। इससे सीकर लक्ष्मणगढ़ और फतेहपुर में जाम से राहत भी मिल सकेगी।

दिल्ली आने-जाने में बचेगा समय

1400 करोड़ रुपये की लागत से झुंझनूं-चिड़ावा-सिंघाना-पचेरी सड़क का निर्माण दिल्ली तक की दूरी को कम करेगा। नारनौल से पचेरी सीमा तक फोन लेन सड़क अभी बनाई जा रही है लेकिन झुंझुनूं की सीमा पर पहुंचते ही काम रुक गया है।

अब कार्य इस राशि से पचेरी से चिड़ावा तक होगा। फतेहपुर से मंडावा तक झुंझुनूं में भी काम तेजी से चल रहा है। इसके बाद राजमार्ग दिल्ली से फतेहपुर सीधे जुड़ जाएगा। झुंझुनूं से दिल्ली जाने में समय बचेगा। झुंझुनूं के अलावा सीकर चूरू और नीमकाथाना जिले भी इस पुल से लाभान्वित होंगे।

बेहतर होगी गांवों व कस्बों की कनेक्टिविटी

600 करोड़ रुपये की लागत से सिंघाना-खेतड़ी-जसरापुर-नगलीसलेदी-भाटीवाड़ सड़क बनाया जाएगा जिससे कस्बों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इस मार्ग के निर्माण से शेखावाटी के हजारों लोगों को सीधे लाभ होगा।

यह मार्ग अभी भी उपलब्ध है लेकिन वह जर्जर है। इसके बाद खेतड़ी से भाटीवाड़ की सीधी सड़क होगी। फिर इस सड़क से गुढ़ागौड़जी की ओर जाएगा। इससे क्षेत्र की वृद्धि होगी।

ऐसे समझें फायदे का गणित

धार्मिक व एज्युकेशन कॉरिडोर

शेखावाटी एक धार्मिक और शैक्षणिक कॉरिडोर है जो लगातार मजबूत हो रहा है। मंडावा हर साल हजारों विदेशी आते हैं। दिल्ली से सीधा सड़क नहीं होने के कारण जयपुर से आते हैं। अब वे पचेरी से सीधे मंडावा पहुंचेंगे।

यह सड़क दिल्ली को मंडावा से सीधे जोड़ेगी। इसके अलावा हर साल लोहार्गल राणी सती खेमीशक्ति खाटूश्यामजी सालासर जीणमाता और शाकम्भरी आने वाले भक्तों की संख्या बढ़ती जाती है।

हजारों विद्यार्थियों ने हरियाणा पंजाब और दिल्ली से झुंझुनूं और सीकर में दाखिला लिया है। भक्तों को भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। साथ ही मनसा माता क्षेत्र और खेतड़ी में पैंथर अभयारण्य बन रहे हैं। पर्यटक भी बढ़ेंगे।

बेहतर होगी परिवहन सुरक्षा

झुंझुनूं में अभी कोई राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन नहीं है। नई सड़कों के निर्माण और विस्तार से परिवहन सुविधा और बेहतर हो सकेगी। हालाँकि दिल्ली जाने वाले परिवहन साधनों को एनएच की कमी से न सिर्फ अधिक ईधन बर्बाद हो रहा है बल्कि धन भी बर्बाद हो रहा है। वाहन दुर्घटनाएं भी कम होंगी।

नए उद्योगों की होगी स्थापना

दिल्ली और जयपुर के बहुत करीब होने के बावजूद औद्योगिक क्षेत्र को बूस्टर डोज नहीं मिल रहा है। परिवहन सुविधा मिलने से स्थानीय उद्योग जीवित हो सकेंगे। राइजिंग राजस्थान में अभी कई एमओयू झुंझुनूं में नए उद्यमों को शुरू करने की योजना बना रहे हैं। माल लाने और लेने में आसानी होगी।

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