Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है, जिसमें साधु संन्यासी इस महाकुंभ का आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. देश के कोने-कोने से इस महाकुंभ में साधु संत पहुंचे हुए हैं. महाकुंभ में श्रद्धालु भी दूर-दूर से आस्था की डुबकी लगाने लागातार तीर्थ राज प्रयाग पहुंच रहे हैं. इस महाकुंभ का पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति पर हो चुका है. इस महाकुंभ के साथ-साथ महाकाल की नगरी उज्जैन में लगने वाले सिंहस्थ कुंभ की चर्चाएं भी शुरु हो गई हैं.
सिंहस्थ कुंभ का आयोजन कब होगा?
दरअसल, महाकुंभ का आयोजन सिर्फ तीर्थ नगरी प्रयागराज में होता है, लेकिन कुंभ मेला चार स्थानों पर आयोजित किया जाता है. ये हरिद्वार, नासिक, प्रयागराज और उज्जैन में आयोजित किया जाता है. लेकिन लोग महाकुंभ के साथ ही अगले सिंहस्थ कुंभ की भी चर्चा भी करने लगे हैं. ऐसे में आइए जान लेते हैं कि सिंहस्थ कुंभ का आयोजन कब और कहां किया जाता है.
उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ
साल 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ का आयोजन किया जाएगा. इसका इंतजार सभी श्रद्धालु कर रहे हैं. दरअसल, सिंहस्थ कुंभ का आयोजन नासिक और उज्जैन में ही किया जाता है. ज्योतिष गणना के अनुसार, जब बृहस्पति सिंह राशि में और सूर्य मेष राशि में गोचर कर रहे होते हैं, तो नासिक और उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ का आयोजन किया जाता है. सिंहस्थ महाकुंभ का अपना एक महत्व है.
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सिंहस्थ कुंभ को लेकर ये मान्यता
सिंहस्थ कुंभ नासिक या उज्जैन जहां भी लगता है वहां भारी संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंचते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो भी सिंहस्थ कुंभ में शामिल होते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. इसके साथ ही उनको अक्षय फलों की प्राप्ति हो जाती है.
26 फरवरी तक चलेगा महाकुंभ
वहीं बता दें कि प्रयागराज में अभी फिलहाल जो महाकुंभ चल रहा है वो 26 फरवरी तक चलेगा. महाकुंभ में मकर संक्रांति के बाद अब मौनी अमावस्या का अमृत स्नान 29 जनवरी को किया जाएगा. फिर 3 फरवरी को बसंत पंचमी का अमृत स्नान किया जाएगा. इसके बाद 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा का अमृत स्नान किया जाएगा. अंतिम अमृत स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर किया जाएगा. इस स्नान के साथ ही महाकुंभ की समापन हो जाएगा.
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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.