क्या है लाइट पॉल्यूशन, कैसे दुनिया की सबसे बड़ी टेलीस्कोप के लिए बना खतरा?

क्या है लाइट पॉल्यूशन, कैसे दुनिया की सबसे बड़ी टेलीस्कोप के लिए बना खतरा?

लाइट पॉल्यूशन ने दुनिया की सबसूे बड़ी टेलीस्कोप के लिए खतर पैदा कर दिया है.Image Credit source: ESO

हवा, पानी और ध्वनि के प्रदूषण के बाद अब नया खतरा बढ़ रहा है. यह है रोशनी से होने वाला प्रदूषण. जिसे लाइट पॉल्यूशन कहा गया है. लाइट पॉल्यूशन ने दुनिया की सबसे बड़ी टेलीस्कोप के लिए खतरा पैदा कर दिया है. अंतरिक्ष में नजर रखने वाले विशेषज्ञों ने इसके लिए चेतावनी भी है. उनका कहना है, हाइड्रोजन एनर्जी प्रोजेक्ट से निकलने वाला लाइट पॉल्यूशन यूरोपियन सदर्न ऑब्जर्वेट्री की वेरी लार्ज टेलीस्कोप के लिए मुश्किल बढ़ा रहा है.

ऐसे में सवाल है कि प्रकाश तो रोशनी देने का काम करता है फिर इससे प्रदूषण कैसे पैदा हो रहा है. क्या होता है लाइट पॉल्यूशन और यह कैसे खतरा पैदा कर रहा है और इसका क्या असर पड़ेगा?

क्या है लाइट पॉल्यूशन?

धरती पर बढ़ती आर्टिफिशियल लाइट ही इसकी वजह है. यह इतनी ज्यादा बढ़ रही है कि रात में आकाश से तारों और सौरमंडल की घटनाओं को देखना मुश्किल हो रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि लाइट पॉल्यूशन के वेरी लार्ज टेलीस्कोप की क्षमता 30 फीसदी घट सकती है.

टेलीस्कोप की क्षमता का घटना खगोलशास्त्रियों के लिए मुसीबतें पैदा कर सकता है. उनके लिए सौर मंडल की घटनाओं को देखना और उसे समझना मुश्किल हो सकता है क्योंकि टेलीस्कोप के कारण अंतरिक्ष में दिखने वाले बदलाव और उसके असर की भविष्यवाणी करना आसान हो पाता है.

Very Large Telescope

यूरोपियन सदर्न ऑब्जर्वेट्री की वेरी लार्ज टेलीस्कोप. फोटो: ESO

कितनी मुश्किल बढ़ा सकता है यह प्रदुूषण?

टेलीस्कोप के लिए मुश्किल और भी ज्यादा बढ़ने की वजह है उसकी लोकेशन. यूरोपियन सदर्न ऑब्जर्वेट्री (ESO) की वेरी लार्ज टेलीस्कोप दक्षिण अमेरिका के देश चिली में स्थापित है. टेलीस्कोप चिली के अटाकामा रेगिस्तान में है ताकि रात में आकाशीय घटनाओं को आसानी से देखा और समझा जा सके.

अमेरिकी कंपनी एईएस एनर्जी चिली में एक बड़ा नवीकरणीय हाइड्रोजन संयंत्र बनाने की योजना बना रही है. यह उस जगह से कुछ किलोमीटर की दूरी पर होगा, जहां वेधशाला स्थित है. इय परियोजना से होने वाला प्रकाश प्रदूषण वेधशाला और VLT दूरबीन के संचालन के लिए अधिक जोखिम पैदा करता है. यह प्रोजेक्ट 3,021 हेक्टेयर में फैला है. यहां के औद्योगिक पार्क है, जिसमें तीन सौर फार्म, तीन पवन फार्म, एक बैटरी भंडारण प्रणाली और हाइड्रोजन उत्पादन की सुविधाएं होंगी.

यूरोपियन सदर्न ऑब्जर्वेट्री का अनुमान है कि इस परियोजना से लगभग 20,000 लोगों वाले शहर के बराबर प्रकाश प्रदूषण पैदा होगा. पार्क के कुछ हिस्से यूरोपियन सदर्न ऑब्जर्वेट्री की दूरबीनों से 5 किलोमीटर की दूरी पर हो सकते हैं, और भविष्य में कोई भी विस्तार रात के आकाश के लिए प्रकाश प्रदूषण को और भी बदतर बना सकता है.

अगर ऐसा होता है तो दूरबीन को अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए और भी बेहतर तकनीक की जरूरत होगी ताकि यह अपना कार्य ठीक तरीके से कर सके. इसमें और भी ज्यादा निवेश करना होगा. अंतरिक्ष की जानकारी जुटाना वैज्ञानिकों के लिए और महंगा हो जाएगा.

हाइटेक टेलीस्कोप

वेरी लार्ज टेलीस्कोप (VLT) दुनिया के सबसे हाइटेक टेलीस्कोप है. इसे 1990 के दशक में 350 मिलियन डॉलर से बनाया गया था. इसमें चार 27-फुट चौड़ी दूरबीने हैं जो दूर की वस्तुओं का निरीक्षण करने और ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने के लिए एक साथ काम करती हैं. हालांकि, अगर हाइड्रोजन परियोजना का निर्माण हो जाता है, तो यह दूरबीन की क्षमता को कम करेगा.

ESO के महानिदेशक जेवियर बार्कोन्स का कहना है, इस परियोजना से आकाश की चमक 10% तक बढ़ जाएगी. वेधशाला सबसे धुंधली आकाशगंगाओं में से लगभग 30 प्रतिशत को देखने की क्षमता खो सकती है. हम अभी ग्रहों के वायुमंडल का अध्ययन करना शुरू कर रहे हैं, लेकिन अगर आकाश अधिक चमकीला हो जाता है, तो हम उन दृश्यों को देखने का मौका खो सकते हैं.

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