Abujh Muhurat 2025: इन दिनों में बिना शुभ मुहूर्त देखे भी की जा सकती है शादी, जानें साल 2025 के अबूझ मुहूर्त

Abujh Vivah Muhurat 2025: हिंदू धर्म में शूभ मुहूर्त देखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. शुभ मुहूर्त के समय को हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम बिना शुभ मुहूर्त देखे नहीं किया जाता. विवाह के लिए तो जरूर ही शुभ मुहूर्त देखा जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, शुभ मुहूर्तों में जो काम किए जाते हैं वो पॉजिटिव रिजल्ट देते हैं.

हिंदू धर्म में पांच विशेष दिन

आज हम आपको साल 2025 की उन तिथियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन पर विवाह बिना शुभ मूहूर्त देखे ही किया जा सकता है. दरअसल, हिंदू धर्म में पांच विशेष दिन माने गए गए हैं. इसमें वसंत पंचमी, फुलेरा दूज, अक्षय तृतीया, विजयादशमी और देवउठनी एकादशी शामिल है.

इन दिनों में होता है अबूझ मुहूर्त

वसंत पंचमी, फुलेरा दूज, अक्षय तृतीया, विजयादशमी और देवउठनी एकादशी के दिन पर कोई भी शुभ काम किया जा सकता है. इन दिनों में शुभ काम करने के लिए शुभ मुहूर्त देखने की भी आवश्यकता नहीं होती. इन दिनों को बहुत सुविधाजनक माना जाता है. इन दिनों में अबूझ मुहूर्त होता है. इन दिनों को विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्यों जैसे गृह प्रवेश, मुंडन, सगाई आदि के लिए भी शुभ माना जाता है. ऐसे में आइए जान लेते हैं कि साल 2025 में अबूझ मुहूर्त कब है.

बसंत पंचमी

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पचंमी के रूप में मना्या जाता है. इस साल बसंत पंचमी दो फरवरी को मनाई जाएगी. इस दिन अबूझ मुहूर्त है. इस दिन बिना शुभ मुहूर्त देखे शादी या अन्य मांगलिक काम किए जा सकते हैं.

फुलेरा दूज

फुलेरा दूज फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को होती है. इस दिन मथुरा में होली होती है. साल 2025 में 1 मार्च को फुलेरा दूज है. इस दिन भी अबूझ मुहूर्त है.

अक्षय तृतीया

हर साल वैशाख महिने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि अक्षया तृतिया होती है. इस साल अक्षया तृतिया 30 अप्रैल को है.ये भी अबूझ मुहूर्त है.

विजयादशमी

भगवान राम ने जब रावण पर विजय पाई थी वो दिन विजयादशमी का था. इस विजयादशमी 2 अक्टूबर को है. ये भी अबूझ मुहूर्त है.

देवउठनी एकादशी

देवउठनी एकादशी के दिन विवाह होना बहुत ही शुभ माना गया है. साल 2025 में देवउठनी एकादशी 1 नवंबर को है. देवउठनी एकादशी पर ही भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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