सोने-चांदी की महंगाई ने तोड़े सभी रिकॉर्ड, अब खरीदना होगा मुश्किल-भाव जान उड जायेंगे होश

नई दिल्ली। राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कई अहम फैसले लिए। उन्होंने सबसे पहले बाइडन प्रशासन के 78 फैसले रद कर दिए। वहीं, यूएस-मेक्सिको सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया। इसके अलावा ट्रंप ने एलान कर दिया कि मैक्सिको सीमा पर फिर से दीवार बनाई जाएगी।

रक्षा विभाग ने बुधवार को घोषणा की कि वह राष्ट्रपति ट्रंप के आव्रजन आदेशों को पूरा करने के लिए दक्षिणी सीमा पर अतिरिक्त 1,500 सैनिक भेजे जाएंगे। वहां पहले से ही लगभग 2,500 अमेरिकी राष्ट्रीय गार्ड और रिजर्व बल मौजूद हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि कौन से सैनिक या यूनिट जाएंगी।

सैन डिएगो, कैलिफोर्निया और एल पासो, टेक्सास के क्षेत्रों से 5,000 से अधिक अवैध प्रवासियों को वापस भेजा जाएगा। इसके लिए होमलैंड सुरक्षा विभाग की उड़ानों, सैन्य विमान की मदद ली जाएगी।

अवैध प्रवासियों पर ट्रंप ने लिया एक्शन
बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप में सोमवार को रक्षा मंत्री को ‘सीमाओं को सील करने’ और ‘अवैध सामूहिक प्रवासन’ को रोकने के लिए एक योजना बनाने का निर्देश दिया था। ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकालने का फैसला किया है
मेक्सिको और कनाडा पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा। इसी बीच ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को अमेरिका में आने से रोकने के लिए एक्शन ले लिया है।

हम अवैध प्रवासियों को वापस घर भेजे जाएंगे: ट्रंप
राष्ट्रपति पद की शपथग्रहण समारोह में ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा कि मैं अपनी दक्षिणी सीमा पर राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि सभी अवैध प्रवेश तुरंत रोक दिए जाएंगे और हम लाखों-करोड़ों अवैध विदेशियों को वापस उनके स्थानों पर भेजने की प्रक्रिया शुरू करेंगे, जहां से वे आए थे।

अमेरिका में जन्मसिद्ध अधिकार समाप्त
ट्रंप ने अमेरिका में जन्मसिद्ध अधिकार को खत्म करने की बात भी कही है। अब अमेरिका में जन्म लेने वाले हर बच्चे को अपने आप वहां की नागरिक नहीं मिल पाएगी। इसका कारण यह है कि अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जन्म के आधार पर मिलने वाली नागरिकता के नियम को खत्म कर दिया है।

अमेरिका की संविधान में हुए 14वें संशोधन के मुताबिक जन्म के आधार पर नागरिकता देने का प्रविधान है। मतलब, अमेरिका में जन्म लेने वाला हर बच्चा खुद ही अमेरिका का नागरिक बन जाता है। भले ही उसके माता-पिता की नागरिकता कुछ भी रही हो।

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