
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सामने मेडिकल थाना क्षेत्र में सीजर्स फैमिली यूनिसेक्स सैलून बनाया गया है। नाम तो सैलून है, लेकिन काम लड़कियों से मसाज करवाना है।
जब ग्राहक इस सैलून में कदम रखते तो रिसेप्शन पर दो लड़कियां खूबसूरत मुस्कान के साथ उनका स्वागत करतीं। इसके बाद ग्राहक को रजिस्टर में अपना नाम, मोबाइल नंबर और पता दर्ज करने के लिए कहा जाता है। और फिर शुरू होता था असली खेल, जिसमें ग्राहक को मोबाइल पर लड़कियों की फोटो दिखाई जाती थी।
ग्राहक को उस फोटो के साथ एक निजी केबिन में भेजा जाएगा जिस पर उसने अपनी उंगली रखी होगी। एक केबिन जिसमें रोशनी के नाम पर एक छोटी सी नीली बत्ती जल रही थी। फिर ग्राहक से उसके कपड़े उतारने को कहा जाता और उसके बाद उस केबिन की हर पल की रिकॉर्डिंग एक छिपे हुए कैमरे से की जाती।
दिल्ली से ट्रेंड करके लड़कियां बुलाई गईं। केबिन में कैमरा ऐसे कोण पर लगाया गया था कि केवल ग्राहक का चेहरा ही दिखाई दे रहा था, मालिश करने वाली का नहीं। ये हैरान कर देने वाली कहानी है मेरठ के उस मसाज पार्लर की, जहां लंबे समय से ब्लैकमेलिंग का गंदा खेल चल रहा था। इस खेल का खुलासा तब हुआ जब ब्लैकमेलिंग का शिकार हुए एक बैंक अधिकारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
मेरठ में द सीजर्स फैमिली यूनिसेक्स सैलून नाम के इस मसाज पार्लर को आयशा खान नाम की महिला चला रही थी, जो सरधना क्षेत्र के भटवाड़ा मोहल्ले की निवासी है। पार्लर के अंदर करीब 6 छोटे केबिन थे, जिनमें ग्राहकों को मसाज दी जाती थी। हरियाणा के गुरुग्राम, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के नोएडा से लड़कियां यहां मसाज सेवाएं देने आती थीं। इन लड़कियों को दिल्ली में प्रशिक्षण दिया गया।
रिसेप्शन पर ही पीड़ित का नाम तय किया जाता है। पार्लर में मसाज की दरें तय थीं। कहा जाता है कि यहां विभिन्न प्रकार की मसाज सेवाएं दी जाती थीं, लेकिन उद्देश्य एक ही था – अमीर लोगों को हुस्न के जाल में फंसाकर ब्लैकमेलिंग के जरिए पैसा ऐंठना। पार्लर में 60 मिनट की सेवा का शुल्क 2000 रुपये था, जिसमें 45 मिनट की मालिश और 15 मिनट का शॉवर शामिल था। हालाँकि, आयशा की असली कमाई इस मसाज सेशन के बाद शुरू हुई।
मसाज के बाद किस ग्राहक को वीडियो के जरिए ब्लैकमेल किया जाएगा, यह सब रिसेप्शन पर ही तय होता था। ग्राहक की प्रोफ़ाइल का उपयोग यह अनुमान लगाने के लिए किया गया कि अगला शिकार कौन होगा। फिर जो नाम तय हो जाता था, उसे ब्लैकमेल करने की तैयारी शुरू हो जाती थी। केबिन में मसाज का वीडियो बनाने के बाद आयशा खुद ही ग्राहक को फोन करती और उसे ब्लैकमेल कर पैसों की मांग करती।
हर पीड़ित को नए नंबर से व्हाट्सऐप कॉल आयशा ने अपने पीड़ित ग्राहकों को ब्लैकमेल करने के लिए कई सिम खरीदे थे। वह हर ग्राहक को नये नम्बर से कॉल करती थी। कोई उसकी कॉल रिकॉर्ड न कर ले, इसके लिए आयशा केवल व्हाट्सएप कॉल ही करती थी। वह ग्राहकों को धमकी देती थी कि या तो उन्हें पैसे दो, नहीं तो उनका वीडियो वायरल कर दिया जाएगा। उसे और डराने के लिए आयशा बलात्कार का मामला दर्ज कराने की धमकी भी देती थी।
मसाज के साथ-साथ पार्लर में वेश्यावृत्ति भी चल रही थी। मसाज कराने का शुल्क मात्र 2000 रुपये था। इसके अलावा यदि कोई ग्राहक अलग से कोई विशेष सेवा चाहता था तो उसके लिए अलग से पैसे लिए जाते थे। ऐसे लोगों के वीडियो भी गुप्त कैमरों से रिकॉर्ड किए गए। पुलिस को मौके से पकड़े गए लोगों के मोबाइल फोन में कुछ ऐसे वीडियो मिले हैं।
आयशा का खेल कैसे उजागर हुआ? सैलून के नाम पर चल रहे मसाज पार्लर में आयशा काफी समय से यह खेल खेल रही थी। इस बीच उसने एक बैंक अधिकारी को ब्लैकमेल कर उससे तीन लाख रुपये ऐंठ लिए। आयशा ने उसे बलात्कार के मामले में फंसाने की धमकी दी और 5 लाख रुपये की और मांग की, जिसके बाद पीड़ित ने पुलिस की मदद ली। पुलिस ने रविवार को छापेमारी कर इस पूरे खेल का पर्दाफाश किया।
द सीजर्स फैमिली यूनिसेक्स सैलून नाम के इस मसाज पार्लर पर जब पुलिस ने छापा मारा तो यहां अलग-अलग केबिनों में 7 युवक पकड़े गए। ये सभी युवक मसाज करने वाली लड़कियों के साथ आपत्तिजनक हालत में थे। पुलिस ने पार्लर की मालकिन आयशा खान को भी गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आयशा ने और कितने लोगों को अपने जाल में फंसाया है।