Success Story: Sahil Pandita ने बचपन में बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखे। अपनी मेहनत और लगन से होटल मैनेजमेंट क्षेत्र में 5,200 रुपये की नौकरी से शुरूआत करके 2.5 करोड़ रुपये की कमाई करने वाली कंपनी प्रोमिलर की स्थापना की। प्रोमिलर एक होटल एसेट प्रबंधन कंपनी है। यह होटल मालिकों को सलाहकार सेवाएं देती हैं। यहां साहिल पंडिता की सफलता की कहानी पढ़ें।
Sahil Pandita एक कश्मीरी पंडित परिवार में पैदा हुआ था। कश्मीरी पंडितों के पलायन के दौरान उनके परिवार को भी कई समस्याएं झेलनी पड़ी। उनके पिता की श्रीनगर में एक सरकारी बैंक में नौकरी भी चली गई।
उनका परिवार कई जगहों पर रहने के बाद चंडीगढ़ के पास एक गांव में बस गया। Sahil बचपन से ही व्यावहारिक विषयों में अधिक रुचि रखते थे और पढ़ाई में कम । वे घर से बाहर समय बिताना पसंद करते थे। उन्होंने दसवीं की उम्र में स्कूल छोड़ दिया। इससे उनके दोस्त और परिवार हैरान रह गए। लेकिन उनके माता-पिता ने उन्हें पुणे में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के लिए भेजा। लेकिन तीन महीने बाद वह वहाँ से भी छोड़ कर चले गए।
साहिल पंडिता के माता-पिता ने 2011 में हुबली, कर्नाटक चले गए। साथ ही साहिल पुणे छोड़कर अपने परिवार के साथ रहने लगे। वहीं, उन्होंने NIOS से बारहवीं कक्षा पूरी करने का निर्णय लिया। लेकिन, पैसा कमाने की उनकी इच्छा इतनी तीव्र थी कि किताबें खरीदने से पहले ही वे नौकरी की तलाश करने लगे।
उन्हें अंग्रेजी बोलना आसान था, इसलिए उन्हें कॉल सेंटर में काम करना अच्छा लगा। हालाँकि, क्लार्क्स इन होटल, हुबली में एक नौकरी का विज्ञापन अखबार में देखकर उन्होंने कोशिश की। उन्हें बिना किसी अनुभव के होटल ऑपरेशन ट्रेनी प्रोग्राम में 5,200 रुपये प्रति माह के वेतन पर नियुक्त किया गया।
होटल में साहिल का काम मेहमानों के बैग उठाना, हाउसकीपिंग सेवाएं देना, बिस्तर साफ करना, बर्तन धोना, सब्जियां काटना और टॉयलेट साफ करना था। बाद में उन्होंने होटल डेनिसन में भी इसी तरह की नौकरी की और बेंगलुरु चले गए ताकि बेहतर अवसर मिले। 2012 में उन्हें ITC होटल्स में फ्रंट-ऑफिस असिस्टेंट का पद मिला।
किराये की समस्या के कारण बेंगलुरु में उन्हें चौबीस लड़कों के साथ एक कमरे में रहना पड़ा, जहां सिर्फ एक बाथरूम था। खटमल भी एक मुद्दा था। 14 से 15 घंटे की शिफ्ट के बाद वह वापस कमरे में नहीं जाना चाहते थे, इसलिए होटल के बंकर में सो गए।
साहिल ने ITC होटल में काम करते हुए अन्य विभागों के कामकाज भी सीखा। उन्हें उनकी लगन और मेहनत को देखते हुए प्रबंधन ने ITC हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में दाखिला दिलाया। इस कार्यक्रम के तहत छात्रों को उनकी फीस माफ की गई। होटल में काम करने का मौका मिला। साथ ही स्टाइपेंड और दिन में तीन बार भोजन भी मिलता था।
बाद में वह ITC होटल के स्वागत लीड प्रोग्राम में शामिल हुआ। 2014 में उन्हें दिल्ली के हयात रीजेंसी में टीम लीड की नौकरी मिली, जहां वे 30,000 रुपये मासिक वेतन पाते थे। वे चार महीनों के भीतर शिफ्ट मैनेजर फ्रंट ऑफिस बन गए। फिर वह हयात छोड़कर जनवरी 2016 में ताज होटल में ड्यूटी मैनेजर बन गया।
दिसंबर 2016 में, 22 साल की उम्र में साहिल को एक प्रतिष्ठित एसेट मैनेजमेंट फर्म में नौकरी मिली। उन्हें कई संपत्तियों का सही संचालन, डेटा संग्रहण, वित्त प्रबंधन और ऑडिट सुनिश्चित करना था। साहिल ने जनवरी 2018 में ‘प्रोमिलर’ की स्थापना की, क्योंकि उसे इस क्षेत्र में अच्छा अनुभव था। यह एक होटल संपत्ति प्रबंधन कंपनी है। तब से उन्होने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा।
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