कौन थे अकबर के ज़माने में वो अम्बानी-अडानी जैसे करोड़पति, इतना विशाल था साम्राज्य कि खड़े हो सकते थे 10 शहर

कौन थे अकबर के ज़माने में वो अम्बानी-अडानी जैसे करोड़पति, इतना विशाल था साम्राज्य कि खड़े हो सकते थे 10 शहर

(Himachali Khabar) Mughal Sultanat: मुगल काल भारत के इतिहास का वह सुनहरा युग था जब व्यापार संस्कृति और कला अपने चरम पर थीं। इस युग में न केवल राजा-महाराजाओं की समृद्धि थी बल्कि कुछ व्यापारियों ने भी अपनी अकूत संपत्ति और प्रभाव के लिए प्रसिद्धि पाई। इस लेख में हम अकबर के समय के कुछ प्रमुख अमीर व्यक्तियों और उनके व्यापारिक योगदान के बारे में जानेंगे।


1. विरजी वोरा: सूरत के प्रमुख व्यापारी

अकबर का शासनकाल 1556 से 1605 तक रहा। इसी काल के अंत में 1590 में सूरत में जन्मे विरजी वोरा का नाम उस समय के सबसे अमीर व्यापारियों में शुमार है।

  • व्यापार के क्षेत्र में योगदान: विरजी वोरा मुख्य रूप से होलसेल ट्रेडिंग और लोन देने के व्यवसाय में थे। उन्होंने मसालों सर्राफा मूंगा हाथी दांत और सीसा जैसे विभिन्न उत्पादों का व्यापार किया।
  • मुगलों से संबंध: विरजी वोरा इतने समृद्ध थे कि मुगल साम्राज्य भी उनसे कर्ज लेता था। यह उनकी आर्थिक शक्ति और प्रभाव का एक बड़ा प्रमाण है।
  • जहाजों का कारोबार: विरजी वोरा जहाज निर्माण और व्यापार में भी माहिर थे। सूरत का बंदरगाह उस समय भारत के व्यापारिक नक्शे पर एक प्रमुख स्थान रखता था और इसमें विरजी वोरा का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण था।

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2. मुल्ला अब्दुल गफूर: सूरत के एक और धनाढ्य व्यापारी

मुगल काल में सूरत के एक और प्रमुख व्यापारी थे मुल्ला अब्दुल गफूर। उनकी संपत्ति और व्यापारिक कौशल के चर्चे दूर-दूर तक फैले हुए थे।

  • व्यापार की विविधता: अब्दुल गफूर जहाज निर्माण और समुद्री व्यापार के बड़े कारोबारी थे। उन्होंने मसालों और अन्य बहुमूल्य वस्तुओं के व्यापार में भी ख्याति पाई।
  • संपत्ति और प्रभाव: मुल्ला अब्दुल गफूर अपने समय में विरजी वोरा के समकक्ष माने जाते थे। दोनों ही सूरत में बसे हुए थे जो उस समय भारत का प्रमुख व्यापारिक केंद्र था।

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3. जगत सेठ: बंगाल का प्रसिद्ध व्यापारी परिवार

17वीं सदी में बंगाल का जगत सेठ परिवार उभरा जो अपनी संपत्ति और व्यापारिक कौशल के लिए जाना जाता है।

  • कारोबारी साम्राज्य: जगत सेठ परिवार मुख्य रूप से बैंकर और कर्जदाता थे। उनका व्यवसाय बंगाल के नवाबों और अन्य प्रमुख राजाओं से जुड़ा हुआ था।
  • सामाजिक और आर्थिक योगदान: यह परिवार बंगाल के व्यापार और अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न हिस्सा बन गया। जगत सेठ परिवार ने व्यापारिक और बैंकिंग प्रणाली को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

मुगल काल में व्यापार और समृद्धि का स्तर अद्वितीय था। विरजी वोरा और मुल्ला अब्दुल गफूर जैसे व्यापारी न केवल अपनी दौलत के लिए जाने जाते थे बल्कि उन्होंने भारतीय व्यापार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाई। वहीं जगत सेठ परिवार ने 17वीं सदी में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में अपनी गहरी छाप छोड़ी। इन व्यक्तियों की कहानियां न केवल इतिहास में महत्वपूर्ण हैं बल्कि आज के उद्यमियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी हैं।

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डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। Himachali Khabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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