
स्कूल के बस का रंग पीला क्यों होता है ? जानें GK In Hindi General Knowledge | आपने हमेशा देखा होगा कि स्कूल की बस का रंग हमेशा पीला ही होता है। वहीं स्कूल बस के पीले के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण और सुरक्षा कारण होते हैं, जिसके कारण इसका रंग पीला ही होता है।
पीला रंग को बारिश, कोहरा या धुंधला भी कहा जा सकता है, पीले रंग का कलर लैटरल पेरीफेरल विजन लाल रंग की तुलना में लगभग सवा गुना ज्यादा होता है। इसका उपयोग डेंजर के संकेत में किया जाता है।
स्कूल के बस का रंग पीला क्यों होता है ? लाल या गुलाबी क्यों नहीं GK In Hindi
लाल रंग काफी काला होता है और साफ-सुथरा नजर भी दूर से ही आता है। इसके बावजूद स्कूल बस को लाल रंग से पेंट नहीं किया जाता है। अब क्या आप जानते हैं कि स्कूल बस को पीले रंग से रंगा क्यों जाता है? सफ़ेद, पीले रंग की आंखें जल्दी आकर्षित हो जाती हैं। पीले रंग पर किसी की भी नज़र सबसे पहले आती है। लोगों का ध्यान स्कूल बस पर पहले जाए, इस कारण से उनका रंग पीला रखा जाता है।
सुरक्षा कारण | General Knowledge
1. दरअसल स्कूल के बच्चों का रंग सुरक्षा की दृष्टि से पीला रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि बस दूर से ही पीला रंग देखा जा सकता है। साथ ही ये बस बारिश, रात, दिन, कोहरे में आसानी से दिखाई दे जाता है, इसलिए दुर्घटना का खतरा बहुत कम होता है।
2.सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी नामांकन पत्र को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके अनुसार स्कूल बस के आगे और पीछे “स्कूल बस” लिखा होना जरूरी है।
3. अगर स्कूल बस किराए पर है। तो उस पर “स्कूल बस कर्तव्य” लिखना जरूरी है।
4. बता दें कि अगर मैन स्ट्रेट भी नहीं दिख रहा है तो वो आसानी से वर्चुअल बस को देख सकता है। इसलिए रंगीन बस को पीले रंग में रंग दिया जाता है।
5. बस में एक फर्स्ट एड बॉक्स होना जरूरी है।बस के दर्शन के बीच में गर्ल लगी होनी चाहिए।
6. साथ ही स्कूल से जुड़ी हर जानकारी बस पर होनी चाहिए। सीट में बैग रखने के लिए जगह होनी चाहिए। बच्चों के लिए एक अटेंडेंट की नियुक्ति होनी चाहिए।
7. वहीं स्कूल बस की स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से तेज नहीं हो सकती।
8. साथ ही अगर बच्चा 12 साल से छोटा है। तो गाड़ियों में 1.5 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे की सीट हो सकती है, जबकि 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे पर एक बच्चे की पूरी सीट होनी जरूरी है।
वैज्ञानिक कारण | GK In Hindi
1.1930 में अमेरिका में एक अध्ययन में पुष्टि की गई है कि पीले रंग की आंखें सबसे जल्दी दिखाई देती हैं। सभी रंगों में से किसी भी व्यक्ति का ध्यान सबसे पहले जाता है।
2. इसके पीछे का कारण यह है कि शेष रंग की तुलना में पीले रंग में 1.24 गुना अधिक आकर्षण होता है। अन्य किसी भी रंग की तुलना में ये आंखें जल्दी दिखाई देती हैं।
3. सफेद प्रकाश के बीच पीले रंग में सबसे अधिक तरंग दैर्ध्य (तरंग दैर्ध्य लगभग 560-590 एनएम) होता है। और आसानी से ये बिखरी हुई नहीं हैं। और दूर से भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
बयाहत प्रकाश वर्णक्रम (गामा सुधार-1.5 वाले प्रदर्शों का निर्माण) पीला एक रंग है जो कि मानव चक्षु के शिखरों में ऊंचाई और मध्यम, दोनों तरंग दीर्घाओं को प्रभावित करता है। यह वह वर्णन है, जिसमें लाल और हरा वर्ण बाहुल्य में, और नीला वर्ण नया है। इसका तरंगदैर्घ्य 570-580 एनएम है।
असली स्कूल के बच्चों की रंग सुरक्षा की दृष्टि से पीला रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि पीला रंग बस दूर से ही देखा जा सकता है। साथ ही ये बस बारिश, रात, दिन, कोहरे में आसानी से दिखाई दे जाता है, इसलिए दुर्घटना का खतरा बहुत कम होता है।
1930 में अमेरिका में एक रिसर्च में पुष्टि की गई कि आंखों का पीला रंग सबसे जल्दी दिखाई देता है। सभी मूल में से किसी भी आदमी का ध्यान सबसे पहले जाता है।
इसके पीछे का कारण यह है कि बाकी रंगों की तुलना में पीले रंग में 1.24 गुना अधिक आकर्षण होता है और अन्य किसी भी रंग की तुलना में ये आंखें जल्दी दिखाई देती हैं।
सफेद रोशनी के विभिन्न समानताएं के बीच लाल रंग में अधिकतम तरंग दैर्ध्य (तरंग दैर्ध्य लगभग 650 एनएम) होती है और इसलिए आसानी से ये बकरियां (बिखरी हुई) नहीं होती हैं और दूर से भी स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं।
बता दें कि अगर सीधा आदमी भी नहीं दिख रहा है तो वो आसानी से वर्चुअल बस देख सकता है। इसलिए डिज़ाइन बस को पीले रंग में रंग दिया जाता है।
GK In Hindi General Knowledge
सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी लॉन्च किए गए बैकपैक को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके अनुसार स्कूल बस के आगे और पीछे “स्कूल बस” लिखा होना जरूरी है। अगर स्कूल बस किराए पर है तो उसे स्कूल बस लिखना जरूरी है।
बस में एक फर्स्ट एड बॉक्स होना जरूरी है. बस की तीर्थयात्रा के बीच में ग्रिल लगी होनी चाहिए। साथ ही स्कूल से जुड़ी हर जानकारी बस पर होनी चाहिए। सीट में बैग रखने के लिए जगह होनी चाहिए। बच्चों के लिए एक अटेंडेंट की नियुक्ति होनी चाहिए।
वहीं स्कूल बस की स्पीड 40 किमी प्रति घंटा से तेज नहीं हो सकेगी।साथ ही यदि 12 वर्ष से छोटे बच्चे हैं तो वाहन में 1.5 से अधिक बच्चे बैठ सकते हैं, जबकि 12 वर्ष से अधिक आयु के बच्चे पर पूरी तरह से बैठना आवश्यक है
लैटरल पेरीफेरल विजन स्थापित है? ( What is Lateral Peripheral Vision )
आपको पता है कि लैटरल पेरिफेरल विजन का मतलब क्या है। इसका मतलब यह है कि जिसे समुद्र तट, किनारा या आस-पास में भी आसानी से देखा जा सके। जैसे उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति बिल्कुल स्पष्ट दिखाई दे रहा है |
साइड से कोई पीले रंग की बस, ऑटो, ड्राइवर या पीले रंग की कोई भी चीज गुड़ रही हो तो उसे आसानी से पीले रंग का आभास हो जाएगा। बचपन के खिलौने की पीली रंग की पुताई का यही कारण है कि सामने देखने पर भी आस पास का एहसास हो सके और दुर्घटना जैसी स्थिति से बचा जा सके।