नई दिल्ली। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू कर दी। सोमवार दोपहर 12.30 बजे सीएम धामी ने एक समारोह में यूसीसी के पोर्टल को लॉन्च किया। सीएम धामी ने देहरादून स्थित मुख्य सेवक भवन में मंत्रियों, सांसदों और अधिकारियों की मौजूदगी में यूसीसी पोर्टल को लॉन्च किया। सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। सीएम धामी ने ucc.uk.gov.in का उद्घाटन किया है। इस पोर्टल में लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे लोगों के रजिस्ट्रेशन और उसे तोड़ने की जानकारी दी गई है। सीएम धामी ने कहा कि यूसीसी लागू होने से यह सुनिश्चित होगा कि उत्तराखंड में लिंग, जाति, धर्म के आधार पर कोई भेदभाव न हो।
23 भाषाओं में मिलेगी जानकारी
अगर आपके पास UCC ID नहीं है, तो आप रजिस्टर कर सकते हैं। यहां साइन अप करने के लिए आपको अपना आधार नंबर या आधार की वर्चुअल आईडी देनी होगी। अपना आधार कार्ड नंबर देने के बाद आपसे तीन चीजों पर नो-ऑब्जेक्शन मांगा जाएगा। आपके नो-ऑब्जेक्शन के बाद जब आप साइन अप करेंगे तो आपको रजिस्टर्ड नंबर पर आधार से एक OTP मिलेगा। इसके बाद आपको OTP को वेरीफाई करना होगा।
यूसीसी से क्या बदला
1. विवाह पंजीकरण अनिवार्य होगा। इसके लिए ग्राम सभा स्तर पर विवाह पंजीकरण की सुविधा भी दी जा रही है। 6 महीने के अंदर विवाह पंजीकरण कराना होगा।
2. अब उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को पंजीकरण कराना होगा। लिव-इन रिलेशनशिप से अगर कोई बच्चा पैदा होता है तो उसे शादी के बाद पैदा हुए बच्चे की तरह सभी कानूनी अधिकार मिलेंगे।
3-शादी के लिए लड़कियों की उम्र सभी धर्मों में एक जैसी होगी।
4-सभी धर्मों के लोगों को बच्चे गोद लेने का अधिकार होगा।
5-दूसरे धर्म के बच्चों को गोद नहीं लिया जा सकेगा।
6-लड़कियों को विरासत में लड़कों के बराबर अधिकार मिलेंगे।
7-बहुविवाह और हलाला पर रोक लगेगी।
8. सभी जातियों और धर्मों में तलाक के लिए एक जैसे नियम होंगे।
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