नई दिल्ली। महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम यानी GBS ने हाहाकार मचा रखा है। अब तक इसके 111 मामले सामने आ चुके हैं। सोमवार को सोलापुर में GBS के 9 और केस मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक GBS के कुल मामले में 73 पुरुष और 37 महिलाएं शामिल हैं। 17 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। 26 जनवरी को GB सिंड्रोम से पीड़ित 40 साल के शख्स की मौत भी हो गई।
एक ही हो चुकी मौत
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर ने कहा कि मृतक मरीज को सांस फूलने, निचले अंगों में कमजोरी और दस्त जैसे लक्षण दिख रहे थे। वह 18 जनवरी से ही वेंटिलेटर सपोर्ट पर था। बता दें कि इस बीमारी के बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं है। 9 जनवरी को इस बीमारी का पहला केस सामने आया था, अब इस बीमारी के 111 केस हो चुके हैं।
20 हजार का मिल रहा एक इंजेक्शन
जीबी सिंड्रोम एक दुर्लभ ऑटोइम्यून कंडीशन है। इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी से निकलकर बाकी हिस्सों में फैली नसों पर हमला कर देती है। यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। इसका इलाज काफी महंगा है, इस कारण उपचार कराने में भी दिक्कत आ रही है। इसका एक इंजेक्शन 20,000 रुपये का है। एक मरीज को लगभग 12 से 13 इंजेक्शन की आवश्यकता पड़ती है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि हमने जिला प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद इसका इलाज मुफ्त में करने का फैसला किया है।
GBS के लक्षण-
- मसल्स में अचानक से कमजोरी
- रीढ़ की हड्डी में कमजोरी
- चलने-फिरने में दिक्कत
- हाथ या पैर में पैरालिसिस मारना
- चेहरे में पैरालिसिस
- सांस लेने में दिक्कत
- आंखों की रौशनी कम होना
- हाथ-पैर में कंपन या सुन्न होना
- निगलने में कठिनाई