इस बात पर कोई शक नहीं कि उत्तर प्रदेश में काफी जुगाड़ू लोग रहते हैं,
जो अलग-अलग तरह से खोजबीन करके अजीबोगरीब घरों से लेकर सामान तक बनाकर
तैयार कर देते हैं। उत्तर प्रदेश के हर गली मोहल्ले में आपको कोई न कोई
जुगाड़ू शख्स मिल ही जाएगा, जो हर घड़ी अपना तेज दिमाग किसी न किसी काम के
लिए चला रहा होगा। उत्तर प्रदेश में आपको ढेरों जुगाड़ू लोग मिलना तो तय
है। बहरहाल उत्तर प्रदेश से एक अनोखा मामला सामने आया है जहां एक शख्स ने
अपना दिमाग कुछ इस कदर दौड़ाया कि दुनिया की सबसे अनोखी ट्रैक्टर-ट्रॉली
बनाकर तैयार कर दी, लेकिन ARTO ने उसका चालान इतना महंगा काटा कि लोगों के
होश उड़ गए हैं। इस चालान को न सिर्फ उत्तर प्रदेश का बल्कि देशभर का सबसे
महंगा चालान कहा जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में कटा सबसे महंगा चालान
दरअसल उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में ये अनोखा ट्रैक्टर ट्रॉली बिना
किसी डर के हाइवे पर सरपट दौड़ाया जा रहा था। जब ARTO की नजर इस पर पड़ी तो
उनके होश उड़ गए और उन्होंने ट्रैक्टर ट्रॉली की चेकिंग शुरू कर दी। टैक्टर
का रजिस्ट्रेशन कृषि कार्य हेतु था लेकिन ट्रॉली का तो रजिस्ट्रेशन ही
नहीं था। जिसके बाद अधिकारी ने एक बार में ट्रैक्टर ट्रॉली का 10 लाख से
अधिक का चालान काट दिया। उत्तर प्रदेश में पकड़ाया इस ट्रैक्टर ट्रॉली की
बनावट इतनी अजीबोगरीब है कि अधिकारी के साथ-साथ लोग भी काफी हैरान हो गए
हैं।
उत्तर प्रदेश का सबसे अनोखा ट्रैक्टर ट्रॉली
बता दें कि, ट्रैक्टर ट्रॉली में रेलगाड़ी के चक्के लगाकर उसे हाइवे पर
सरपट दौड़ाया जा रहा था। जब औरैया जिले में ARTO सुदेश तिवारी की निगाह इस
अजीबोगरीब ट्रैक्टर ट्रॉली पर पड़ी तो वो बेहद हैरान हो गए। उत्तर प्रदेश
का ये मामला पूरे क्षेत्र में चर्चाएं बटोर रहा है। ट्रैक्टर ऊपर से देखने
पर काफी सामान्य लग रहा है लेकिन नीचे से देखते ही ट्रेन के चक्के दिखाई दे
रहे हैं। कहा जा रहा है कि पिछले पांच सालों से यह ट्रैक्टर गिट्टी बिछाने
का काम कर रहा था। इस ट्रैक्टर ट्रॉली को सीज करते हुए 10 लाख 60 हजार
रुपए का जुर्माना ठोका गया है।
ट्रैक्टर ट्रॉली के नाम पर बड़ा झोल
ARTO सुदेश तिवारी ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि, दिनांक 22 जनवरी
को करीब 3:30 बजे वह एक शासकीय कार्य से NH 19 पर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की
ओर रवाना हो रे थे। जब वह औरैया से गुजर रहे थे तो उन्होंने एक ट्रैक्टर
ट्रॉली देखा जिसपर उन्हें शक हुआ। जब उन्होंने ट्रैक्टर ट्रॉली को रुकवा तो
जांच में पता चला कि ट्रैक्टर राजस्थान नंबर का है और ट्राली अनरजिस्टर्ड
है। ट्रैक्टर ARTO नागौर में रजिस्टर्ड है। जब ड्राइवर को कागज दिखाने बोला
गया तो वो कोई कागज नहीं दिखा पाया और कहने लगा कि, 85 हजार रुपए महीने पर
रेलवे ठेकेदार ने अपने यूज के लिए ट्रैक्टर लिया है।
पिछले 5 साल से उत्तर प्रदेश में कर रहा है व्यवसाय
उत्तर प्रदेश में इस ट्रैक्टर से पिछले 5 सालों से व्यवसाय किया जा रहा
है। अधिकारी ने कहा कि, ट्रॉली की वहन क्षमता करीब 33 टन है जो कि 12 चक्का
के बराबर होता है। इसी के आधार पर हमने इसका एसेसमेंट किया। आश्चर्य की
बात तो यह है राजस्थान में यह ट्रैक्टर एग्रीकल्चर पर्पस के लिए रजिस्टर्ड
है जो कि टैक्स फ्री होता है। यह ट्रैक्टर कई जनपदों से गुजरता हुआ औरेया
तक पहुंचा है। इस तरह के ट्रैक्टर ट्रॉली से दुर्घटना होने की काफी संभावना
बढ़ जाती है। ट्रॉली को गवर्नमेंट द्वारा अप्रूव्ड एजेंसी या
मैन्युफैक्चरर ने नहीं बल्कि देसी उद्योग से बनवा लिया गया है।