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वाराणसी: महाकुंभ में स्नान के बाद श्रद्धालुओं का रेला काशी और अयोध्या का रुख कर रहा है। मौनी अमावस्या के बाद काशी में ऐतिहासिक रूप से श्रद्धालुओं का आना हो रहा है। गुरुवार के दिन करीब 25 लाख लोग शहर में आए। सभी आने वाले श्रद्धालु काशी विश्वनाथ का दर्शन करने के साथ घाट पर होने वाली गंगा आरती में शामिल होना चाहते हैं। ऐसे में दशाश्वमेध घाट पर आज जबरदस्त भीड़ हुई। घाट पर तिल रखने तक कि जगह नहीं थी। किसी अनहोनी की आशंका और अगले दो दिन तक श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए अब आरती समितियों ने श्रद्धालुओं से काशी न आने की अपील की है।
गंगा सेवा समिति दशाश्वमेध घाट के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि घाट पर आरती कराने में आज हम लोगों को जबर्दस्त मशक्कत करनी पड़ी। भीड़ का दबाव इतना जबरदस्त था कि हम लोग आशंका से भरे हुए थे कि कहीं कुछ हो न जाए। घाट पर कहीं भी पैर रखने की जगह नहीं थी। जितने लोग घाट पर थे उस से कहीं ज्यादा लोग घाट के ऊपर गोदौलिया चौराहे तक जमा थे हर कोई गंगा आरती में शामिल होना चाहता था।
उन्होंने आगे कहा, लेकिन घाट की अपनी सीमा है। आज जो भीड़ का नजारा था ऐसा नजारा देव दीपावली पर भी हम लोगों ने नहीं देखा। इसलिए हम देशवासियों से अपील करना चाहते हैं कि आप महाकुम्भ में स्नान के बाद अपने गन्तव्य की ओर जाएं और महाकुम्भ के बाद स्थिति सामान्य होने के बाद काशी आएं।
5 फरवरी तक नहीं होगी दशाश्वमेध घाट पर आरती
जिला प्रशासन ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि गंगा सेवा निधि के अलावा अस्सीघाट , शीतला घाट समेत अन्य घाट की समितियों ने भी श्रद्धालुओं से अपील जारी की है। जिला प्रशासन ने साथ ही ये भी बताया कि दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती कराने वाली संस्था गंगा सेवा निधि ने आगामी 5 फरवरी तक आम जन के लिए गंगा आरती में शामिल होने पर रोक लगा दी है।