20 साल पुराने गठिया के दर्द को भी ठीक करने का दम रखता है ये पत्ता, घुटनों की चिकनाई लाता है वापिस …

20 साल पुराने गठिया के दर्द को भी ठीक करने का दम रखता है ये पत्ता, घुटनों की चिकनाई लाता है वापिस …

पारिजात या हरसिंगार सिर्फ़ एक सुंदर और सुगंधित फूल नहीं है, बल्कि इसके औषधीय गुण स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में भी अत्यंत लाभकारी हैं।

यहाँ इसके 15 महत्वपूर्ण लाभ दिए गए हैं:

हरसिंगार के फायदे:-

1. गठिया:

  • पारिजात के 5 पत्तों को पीसकर चटनी बनाएं। एक गिलास पानी में उबालें और आधा होने तक पकाएं। ठंडा करके पिएं। यह पुराने गठिया दर्द में लाभकारी है।

2. घुटनों की चिकनाई:

  • 10-12 पत्ते पीसकर एक गिलास पानी में उबालें और एक चौथाई रहने पर बिना छाने पिएं। 90 दिनों में घुटनों की चिकनाई पुनः बन जाएगी।

3. साइटिका:

  • पत्तों का काढ़ा बनाकर सेवन करें। यह साइटिका के दर्द में राहत देता है और रक्त नलिकाओं को खोलता है।

4. गंजापन:

  • बीजों को पीसकर गंजेपन की जगह पर लगाने से नए बाल उगते हैं।

5. चिकनगुनिया और डेंगू:

  • पत्तों का रस अदरक और शहद के साथ पिएं। चिकनगुनिया, डेंगू, और ब्रेन मलेरिया जैसे बुखार ठीक हो जाते हैं।

6. बवासीर:

  • एक बीज का रोज़ सेवन बवासीर में लाभकारी है। बीज का लेप गुदा पर लगाने से राहत मिलती है।

7. यकृत (लिवर):

  • 7-8 पत्तों का रस अदरक और शहद के साथ पिएं। यह लिवर और तिल्ली की वृद्धि को ठीक करता है।

8. हृदय रोग:

  • फूलों या उनके रस का सेवन हृदय को स्वस्थ रखता है।

9. दाद:

  • पत्तियों का लेप दाद में चमत्कारी उपचार है।

10. सूखी खाँसी:

  • पत्तियों को पीसकर शहद के साथ सेवन करें। यह सूखी खाँसी को ठीक करता है।

11. त्वचा रोग:

  • पत्तियों का लेप त्वचा रोगों में लाभकारी है। हरसिंगार का तेल भी त्वचा के लिए फायदेमंद है।

12. श्वास (दमा):

  • छाल का चूर्ण पान में रखकर खाएं। यह दमा रोग में राहत देता है।

13. क्रोनिक बुखार:

  • पत्तियों का जूस पुराने बुखार को ठीक करता है। कोंपलें महिलाओं के लिए लाभदायक हैं।

14. खुजली:

  • पत्ते और नाचनी का आटा मिलाकर लेप करें। खुजली में राहत मिलती है।

15. चिकनगुनिया का इलाज:

  • पत्तों का रस बुखार में एंटी-वायरल की तरह काम करता है।

पारिजात के इन औषधीय उपयोगों से पहले विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लें। प्राकृतिक उपचारों के साथ संतुलित आहार और जीवनशैली का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है।