Delhi News : डिजिटल डेस्क – अपना घर हर किसी का सपना होता है. लेकिन आज के समय में ये सपना काफी महंगा होते जा रहा है… देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों यानी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की बात करें तो ये सपना अब मुश्किल के साथ साथ आम आदमी के लिए नामुमकिन सा लगने लगा है. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं आइये विस्तार से बताते हैं….
दरअसल बीते एक साल के दौरान ही इन इलाकों के मकान की औसत कीमत में 49% की भारी वृद्धि देखी गई है। यह वही इलाका है, जहां लग्जरी मकानों की मांग भी खूब बढ़ रही है। मकान बढ़ने की वजह कंस्ट्रक्शन मैटेरियल की कीमतों में बढ़ोतरी और कामगारों की मजदूरी बढ़ना है।
रिपोर्ट में हुआ रूख साफ
डिजिटल रियल एस्टेट ट्रांजेक्शन और कंसल्टिंग प्लेटफॉर्म प्रॉपटाइगर डॉट कॉम (PropTiger.com) की एक नई रिपोर्ट से इसकी जानकारी मिली है। रियल इनसाइट: रेजिडेंशियल एनुअल राउंड-अप 2024 शीर्षक वाली इस रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान शहरों में संपत्ति की कीमतों में वृद्धि हुई। लेकिन कीमतों में बढ़ोतरी सब जगह समान नहीं है। जैसे, हैदराबाद के दक्षिणी आवास बाजार में लगभग एक दशक की तेज वृद्धि के बाद मूल्य में बढ़ोतरी धीमी हो गई है। जबकि विश्लेषण में शामिल अन्य सभी शहरों ने दोहरे अंकों की वार्षिक वृद्धि दिखाई है।
किन शहरों को शामिल किया गया
प्राटाइगर डॉट कॉम के इस विश्लेषण में दिल्ली-एनसीआर (गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद) के अलावा अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई महानगर क्षेत्र (मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे) और पुणे शामिल हैं।
शहर Q4 23 Q4 24 YoY
अहमदाबाद 4,000 4,402 10%
बैंगलोर 6,744 7,536 12%
चेन्नई 6,200 7,173 16%
दिल्ली एनसीआर 5,445 8,105 49%
हैदराबाद 6,842 7,053 3%
कोलकाता 5,100 5,633 10%
MMR 10,712 12,600 18%
पुणे 6,140 7,108 16%
गुड़गांव में कीमत दूनी से भी ज्यादा बढ़़ी
बीते साल मकान की कीमतों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी एनसीआर के गुड़गांव या गुरुग्राम में दिखी। प्रॉपटाइगर डॉट कॉम का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में निवेश करने वाले हाई-नेटवर्थ वाले व्यक्तियों का घर यही क्षेत्र है। पिछले साल गुरुग्राम सालाना आधार पर 144% की वृद्धि देखी गई। वहीं ग्रेटर नोएडा में सालाना आधार पर 54% की वृद्धि और नोएडा में सालाना आधार पर 3% की वृद्धि दर्ज की गई।
मुंबई में भी बढ़े दाम
रिपोर्ट में बताया गया है कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में संपत्ति की कीमतों में इसी तरह के फैक्टर्स के कारण औसतन 18% की वृद्धि हुई। भारत के सबसे बड़े कारोबारी दिग्गजों, बॉलीवुड सितारों और खेल हस्तियों का घर, मुंबई दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में सबसे महंगा आवास बाजार है। जबकि पूरे भारत में संख्या में साल-दर-साल 26% की गिरावट देखी गई।
सकारात्मक खरीदार भावना का संकेत
हाउसिंग डॉट कॉम (Housing.com) और प्रॉपटाइगर डॉट कॉम (Proptiger.com) के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस तरह की मूल्य वृद्धि अंतर्निहित मांग, विकास की संभावनाओं और सकारात्मक खरीदार भावना का संकेत है। हालांकि, लागत दबाव ऐसे देश में सामर्थ्य संबंधी चिंताओं को और बढ़ा सकता है जहां आबादी का एक बड़ा हिस्सा मकान खरीदने के लिए सरकारी सब्सिडी पर निर्भर करता है।
मुद्रास्फीति में वृद्धि और विकास में मंदी के बीच सरकार को ऐसे नीतिगत उपाय शुरू करने चाहिए जो किफायती आवास को बढ़ावा देने के इस महत्वपूर्ण पहलू का ध्यान रखें। आगामी बजट में कराधान कानूनों में सकारात्मक बदलाव और आरबीआई द्वारा दरों में कटौती भारत के बढ़ते मध्यम वर्ग के लिए अधिक सामर्थ्य सुनिश्चित करने में एक लंबा रास्ता तय कर सकती है।”