Noida News : HU Digital Desk- एनारॉक के आंकड़ों के अनुसार, नोएडा के सेक्टर 150 में किराए के मकानों की कीमतों में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है, जबकि मुंबई के चेंबूर उपनगर में सबसे कम बढ़ोतरी हुई है, शहरों की ओर पलायन और बेहतर सुविधाओं की मांग इस बढ़ोतरी की मुख्य वजह हैं।
केंद्रीय बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किराए पर TDS की सीमा को 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये सालाना कर दिया है, जिससे छोटे टैक् सपेयरों को राहत मिलेगी. चेन्नई और मुंबई को छोड़कर बाकी सभी शहरों में किराया डबल डिजिट में बढ़ा।
अब विस्तार से बात करते हैं। देश के बड़े शहरों में रहने का खर्च बढ़ गया है। किराए के मकानों की कीमतें आसमान छू रही हैं। 2024 में पिछले साल के मुकाबले किराए में 9.2% से लेकर 21% तक की बढ़ोतरी देखी गई है। मतलब, अगर पहले किराया 10,000 रुपये था तो अब वो 11,000 से लेकर 12,000 रुपये तक हो सकता है। ये बढ़ोतरी कई वजहों से हुई है। सबसे बड़ी वजह है शहरों की ओर लोगों का पलायन। गांव और छोटे शहरों से लोग रोजगार की तलाश में बड़े शहरों में आ रहे हैं। इससे मकानों की मांग बढ़ गई है।
दूसरी वजह है अच्छे मकानों की कमी। हर कोई चाहता है कि उसका घर अच्छा हो, उसमें सारी सुविधाएं हों। लेकिन, ऐसे मकान कम हैं। इससे उनकी कीमतें बढ़ रही हैं। तीसरी वजह है बेहतर सुविधाओं की मांग। आज कल लोग जिम, स्विमिंग पूल, पार्क जैसी सुविधाओं वाले मकान चाहते हैं। ऐसे मकानों का किराया ज्यादा होता है।
नोएडा के सेक्टर 150 में 21% बढ़ा किराया
एनारॉक ने इन आंकड़ों को जुटाया है। उनके मुताबिक, सबसे ज्यादा किराया नोएडा के सेक्टर 150 में बढ़ा है। वहां किराए में लगभग 21 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, सबसे कम बढ़ोतरी मुंबई के चेंबूर में हुई है, जहां किराया सिर्फ 9.2% बढ़ा है।
मुंबई और चेन्नई को छोड़कर बाकी सभी शहरों में किराए में दोहरे अंकों में बढ़ोतरी हुई है। मतलब 10% या उससे ज्यादा। मुंबई में किराया 10% से कम बढ़ा है, जबकि चेन्नई में 9.4% से 10.3% के बीच। बेंगलुरु के सर्जापुर इलाके में किराया 16.8% बढ़ा है। वहीं, थणिसंद्रा में 11%।
एनसीआर के सोहना रोड पर 12.2% और नोएडा के सेक्टर 150 में लगभग 22% की बढ़ोतरी हुई है। द गार्जियन रियल एस्टेट एडवाइजरी के को-फाउंडर और सीईओ राम नाइक कहते हैं, ‘बढ़ते हुए किराए शहरों में मकानों की ज्यादा मांग को दिखाते हैं, जो आर्थिक गतिविधियों और पलायन के चलते बढ़ रही है।’ उनका कहना है कि कोरोना के बाद से लोग अपना खुद का घर खरीदना चाहते हैं। इससे नए मकानों में सुविधाओं की मांग बढ़ी है। किराए भी बढ़े हैं। पिछले कुछ सालों में मकानों की मांग बढ़ने से कीमतें भी बढ़ी हैं। इसलिए मकान मालिक अपने निवेश पर ज्यादा मुनाफा चाहते हैं। इस वजह से पिछले तीन सालों में किराए में लगभग 30% की बढ़ोतरी हुई है।
बजट में मिली ऑक्सीजन
अब बात करते हैं बजट 2025 की। इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किराए पर TDS की सीमा बढ़ा दी है। पहले 2.40 लाख रुपये सालाना से ज्यादा किराए पर TDS कटता था। अब ये सीमा बढ़ाकर 6 लाख रुपये सालाना कर दी गई है। इसका मतलब है कि अगर आपका मकान का किराया 50,000 रुपये प्रति महीने से ज्यादा है, तभी TDS कटेगा।
पहले ये सीमा 20,000 रुपये प्रति महीने थी। इससे छोटे करदाताओं को फायदा होगा। उन्हें कम TDS देना होगा। किरायेदारों को भी कम कागजी कार्रवाई करनी पड़ेगी। 1 अप्रैल 2025 से ये नया नियम लागू हो गया है। ये नियम सभी तरह की प्रॉपर्टी पर लागू होता है, चाहे वो घर हो, दुकान हो या कोई और प्रॉपर्टी।
इस बदलाव से मकान मालिकों, खासकर छोटे मकान मालिकों को फायदा होगा, जिनकी सालाना किराए की आमदनी 6 लाख रुपये से कम है। अब किरायेदारों को किराए पर TDS काटने की जरूरत नहीं होगी। कम किराया देने वाले किरायेदारों को भी TDS कटौती और भुगतान से जुड़ी कागजी कार्रवाई और नियमों का पालन करने की जिम्मेदारियों से राहत मिलेगी। यह बदलाव किराये के बाजार में एक महत्वपूर्ण बदलाव है।