नीट यूजी 2025 में बड़ा बदलाव टाई ब्रेकिंग नियम में हो गया बदलाव, अब इस तरह तय होगी रैंक

NEET UG 2025: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के माध्यम से नीट यूजी 2025 परीक्षा के टाई ब्रेकिंग नियमों में फिर से एक बार महत्वपूर्ण बदलाव कर दिया गया है और इस संबंध में महत्वपूर्ण नोटिस भी जारी कर दिया गया है पहले 7 टाई ब्रेकिंग के नियम थे लेकिन अब इसमें आठवां नया नियम भी जोड़ दिया गया है और इससे रैंकिंग प्रक्रिया में बदलाव होगा यानी अब रैंक अलग प्रकार से तय होगा। नेेशनल एजेंसी के माध्यम से टाई ब्रेकिंग नियमों में इस बार बदलाव किया गया है।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के माध्यम से पहले टाइप ब्रेकिंग रोड में सिर्फ सात नियम थे लेकिन इस बार आठवां नियम जोड़ दिया गया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के माध्यम से यह कहा गया है यदि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी क्राइटेरिया से टाई ब्रेकिंग समस्या हल नहीं होता है तो एनटीए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के मार्गदर्शन में रेंडम प्रक्रिया से इसका हल भी निकाल पाएगा। टाई ब्रेकिंग का क्या फार्मूला है नीचे विस्तृत रूप से पूरी जानकारियां बताई गई हैं।

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नीट यूजी 2025 टाई ब्रेकिंग फार्मूले के बारे में बात कर लिया जाए तो जिनके बायोलॉजी बॉटनी एंड जूलॉजी में ज्यादा मार्क्स है उसे रैंक में ऊपर रखा जाएगा। अगर बायोलॉजी वाले फैक्टर से रैंक तय नहीं होता है तो फिर केमिस्ट्री के मार्क्स देखे जाएंगे। केमिस्ट्री में जिसके ज्यादा मार्क्स है उसे रैंक में ऊपर रखा जाने वाला है इसके बाद फिजिक्स के मार्क्स का देखा जाएगा और इसके फिजिक्स में ज्यादा मार्क्स रहेंगे उसे रैंक में ऊपर रख दिया जाएगा।

ऐसे सभी कैंडिडेट्स जिनके माध्यम से सही उत्तरों के तुलना में कम गलत उत्तर दिये होंगे उसे ऊपर रख दिया जाएगा। इसके बाद जिन उम्मीदवारों का बायोलॉजी बॉटनी और जूलॉजी में अटेम्प्टेड गलत उत्तर और सही उत्तरों का अनुपात कम होगा उसे ऊपर रख दिया जाएगा जिस उम्मीदवारों का केमिस्ट्री में अटेम्प्टेड गलत उत्तर और सही उत्तरों का अनुपात कम होगा उसे ऊपर रख दिया जाएगा। जिन उम्मीदवारों का फिजिक्स में अटेम्प्ट कम रहेगा उसे भी ऊपर रखा जाएगा।

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आठवां टाइम ब्रेकिंग नियम यह लागू किया गया है कि अगर यह 7 नियम लागू किए जाने के बाद भी टाई ब्रेकिंग की समस्या बना रहता है तो नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के मार्गदर्शन में रेंडम प्रक्रिया से इसका पूरी तरह से हल निकल पाएगा। पहले तीन नियम पिछले साल की तरह ही है लेकिन जो चौथा मानदण्ड इसमें मानवीय हस्तक्षेप बिल्कुल भी नहीं है। इस वर्ष पेश किया गया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने चौथे बिंदु को पेश करने के पीछे का कारण और उसके संभावित प्रभाव के बारे में फिलहाल नहीं बताया है। हालांकि चौथे नियम को बाद में नहीं लागू किया गया था पिछले वर्षों के मुकाबले इस बार टाई ब्रेकिंग के नियमों में महत्वपूर्ण यह बदलाव हुए हैं।

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