Property Documents : प्रोपर्टी की रजिस्ट्री जितना ही जरूरी है ये डॉक्यूमेंट, इसके बिना न बिकेगी प्रोपर्टी और न मिलेगा लोन

Property Documents : प्रोपर्टी की रजिस्ट्री जितना ही जरूरी है ये डॉक्यूमेंट, इसके बिना न बिकेगी प्रोपर्टी और न मिलेगा लोन

Himachali Khabar, Digital Desk- Property Knowledge : मकान, दुकान या कोई भी प्रोपर्टी खरीदना हर किसी के लिए बेहद खास होता है। इसमें केवल न सिर्फ बड़ी पूंजी लगती है, बल्कि समय भी ज्‍यादा लगता है।  प्रॉपर्टी की डील (Property Sale Purchase) सिर्फ पैसों से ही नहीं होती, बल्कि इसमें कई पेचीदगियां भी होती हैं।

इसी कारण सबसे ज्‍यादा फर्जीवाड़ा भी प्रॉपर्टी के कामकाज में होता है। किसी प्रॉपर्टी को खरीदने और बेचने के इतने दस्‍तावेज और प्रोसेस होते हैं कि आम आदमी को इसे समझ पाना बड़ा मुश्किल काम है। ऐसे ही दस्‍तावेजों में एक होता है नॉन एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट (Non Encumbrance Certificate) ये डॉक्यूमेंट प्रॉपर्टी से जुड़ी रजिस्ट्री और म्यूटेशन जितना ही महत्वपूर्ण होता है।

प्रॉपर्टी एक्‍सपर्ट का कहना है कि किसी संपत्ति को खरीदने के लिए जितना जरूरी रजिस्‍ट्री पेपर और म्‍यूटेशन के डॉक्‍यूमेंट होते हैं उतना ही महत्‍वपूर्ण नॉन एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट होता है। खासकर दिल्‍ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों के लिए ये और भी जरूरी है। 

इन शहरों में ज्‍यादातर फ्लैट या मकान बिल्‍डर से खरीदे जाते हैं और आपकी उससे पहले से कोई जान-पहचान भी नहीं होती। ऐसे में यह और भी ज्‍यादा जरूरी हो जाता है कि आप बिल्‍डर से उस प्रॉपर्टी का नॉन एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट जरूर प्राप्त कर लें।  

क्‍यों जरूरी है ये सर्टिफिकेट (property documents)

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि नॉन एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट में एक खास अवधि के दौरान किसी संपत्ति से जुड़े सभी लेनदेन की जानकारी होती है। अमूमन एक नॉन एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट में किसी संपत्ति से जुड़ी 12 साल के लेनदेन की जानकारियां होती हैं, मतलब इसमें संपत्ति का पूरा लेखा जोखा होता है। मसलन उसे किसने खरीदा, किसने बेचा, कितना मूल्‍य रहा और क्‍या उस पर कोई लोन है या नहीं। 

ऐसे में अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने से पहले लोन (loan on property) लेना चाहते हैं या खरीदने के बाद उस प्रॉपर्टी पर लोन लेना चाहते हैं तो बैंक आपसे नॉन एन्कम्ब्रन्स सर्टिफिकेट मांगेगा। इसके अलावा आप भविष्‍य में इस प्रॉपर्टी को बेचना चाहते हैं तो भी आपको इस सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ेगी।  

इस सर्टिफिकेट को पाने के लिए आपको तहसीलदार दफ्तर में जाकर एक फॉर्म भरना पड़ेगा। इस फॉर्म पर 2 रुपये का एक नॉन जुडिशियल टिकट भी लगता है। फॉर्म के साथ सर्टिफिकेट लेने का कारण, एड्रेस प्रूफ की अटेस्‍टेड कॉपी भी लगानी पड़ेगी। फॉर्म में सर्वे नंबर, लोकेाशन के साथ संपत्ति से जुड़े अन्‍य विवरण भी होने चाहिए। एप्लीकेशन पूरी तरह तैयार करने के बाद सब-रजिस्‍ट्रार दफ्तर में जमा कराना होगा। इसके 20 से 30 दिन के अंदर आपको ये सर्टिफिकेट मिल जाएगा।

सर्टिफिकेट के लिए लगती है फीस

इस सर्टिफिकेट (Non Encumbrance Certificate) को प्राप्‍त करने के लिए आपको फीस भी चुकानी होगी।  सर्टिफिकेट कितनी अवधि के लिए चाहिए, उसी अनुपात में आपसे फीस ली जाती है. साथ ही ये सर्टिफिकेट वित्‍तवर्ष के अंत तक के लिए ही जारी किया जाता है।  

टाइटल डीड 

इसके अलावा कोई भी प्रॉपर्टी खरीदें तो उसके टाइटल डीड (Title Deeds) की पहले से ही जानकारी ले लें और इसके डॉक्यूमेंट देखें। आप किसी भी वकील से इसको सर्टिफाइड करा सकते हैं। मुख्य तौर पर टाइटल डीड से ये पता लगता है कि आप जो प्रॉपर्टी खरीदने जा रहे हैं वो किसी कानूनी फेर में तो नहीं है। उसके ट्रांसफर, डिवाइड आदि में कोई दिक्कत तो नहीं है। आपको इस टाइटल डीड को देखने के बाद ही प्रॉपर्टी की खरीद के बारे में सोचना चाहिए।

लोन पेपर्स क्लियर हैं या नहीं

आप प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात के पेपर्स जांच लेने चाहिए कि आपकी प्रॉपर्टी पर किसी तरह का लोन (Property Loan) तो नहीं चल रहा है। इसके मालिक के ऊपर इस प्रॉपर्टी की देनदारी के रूप में उधार तो नहीं है। ये जांच करना बेहद जरूरी है और इसको जांचे बिना आप प्रॉपर्टी खरीद के बारे में न सोचें।

लेआउट पेपर्स

 
प्रोपर्टी लेआउट पेपर्स (Layout Papers) को लेकर आपको सावधानी बरतनी चाहिए और इसका नक्शा, खुले इलाके का नक्शा पास है या नहीं, इसकी सारी जानकारी ले लेनी चाहिए। बाद में किसी तरह का प्रॉपर्टी डिस्पयुट न हो, इसके लिए आपको पहले ही आश्वस्त होना जरूरी है।

NOC या अनापत्ति प्रमाणपत्र

कोई भी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले इसका अनापत्ति प्रमाणपत्र या नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेना बहुत जरूरी है। आप फ्लैट ले रहे हैं तो आपके लिए उसकी सोसायटी और टावर के NOC की जानकारी जरूर होनी चाहिए।

कमेंसमेंट सर्टिफिकेट

इसे कंस्ट्रक्शन क्लियरेंस सर्टिफिकेट के रूप में जाना जाता है और इसे फ्लैट या निर्माणाधीन संपत्ति (Under Construction Property) को खरीदने से पहले ले लें वर्ना बाद में परेशानी हो सकती है। यहां पर आप जान सकते हैं कि प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने से जुड़े जानकारों का इस बारे में क्या कहना है।

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