mahendra india news. new delhi
गांव दड़बा कलां स्थित श्री कृष्ण प्राणामी गोशाला में श्री मद्भागवत कथा करते हुए गंगा मिश्रा ने श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन हिरण्याक्ष वध हुआ था , इस चरित्र के माध्यम से यह बताया गया की बुराई चाहे कितनी भी ज्यादा बलवान क्यों ना हो पर उसका नाश होता ही होता है, जैसे कि हिरण्याक्ष बलवान था पर भगवान से वैर रखता था, खुद की शक्तियों का अभिमान रखता था, इस कारण वह अत्याचारी बन गया था, अत्याचार को मिटाने को ही भगवान वराह अवतार लेते हैं और हिरण्याक्ष का वध करके उसका उद्धार करते हैं, आगे प्रहलाद चरित्र के माध्यम से यह बताया गया कि जब-जब भगवान के भक्तों पर अत्याचार होता गौ माता पर अत्याचार होता तब तब आताताइयों का वध करने को भगवान आएंगे, भगवान का नाम ही सभी बुराई को नष्ट करने के लिए औषधि के समान है इसलिए भगवान नाम का आश्रय लेना चाहिए।
गंगा मिश्रा ने भक्ती रानी व भक्ति ज्ञान वैराग्य की चर्चा करते हुए बताया कि महापुराण हमें आदर्श के साथ जीवन जीने के तरीके सिखाती है और श्रीमद् भागवत महापुराण हमें मरना कैसे है ये सिखाती है। भागवत महापुराण में भक्त को मरने से पहले क्या कर्म करे कि अपनी मुक्ति को प्राप्त कर कर सके उस सुगम मार्ग का मार्गदर्शन केवल भागवत महापुराण में मिलता है। भगवान की भक्ति से मोक्ष की प्राप्ति करने का सबसे सरल उपाय राम नाम संकीर्तन है।
भक्ति ज्ञान वैराग्य का बहुत ही सुन्दर वर्णन करते हुए कथा वाचिका गंगा मिश्रा ने बताया कि इस कलयुग में केवल भगवान का नाम जपने भर मात्र से सहज ही भक्ति की प्राप्ति हो जाती है। कथा वाचिका गंगा मिश्रा प्रतिदिन सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक प्रवचन कर रही है।