नई दिल्ली: लखनऊ के कृष्णनगर इलाके में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहां 15 वर्षीय एक किशोरी ने अपनी मां को लगातार तीन महीने तक खाने में नींद की गोलियां मिलाकर दीं। इसका उद्देश्य मां को बेहोश रखकर अपने दोस्त से फोन पर बात करना और उससे मिलने के लिए घर से बाहर जाना था।
मां के खाने में 3-4 नींद की गोलियां मिला देती थी
किशोरी ने पुलिस को बताया कि वह रोजाना अपनी मां के खाने में 3-4 नींद की गोलियां मिला देती थी। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि उसके पास जहर की एक शीशी भी थी, जो उसके दोस्त ने दी थी। शुरुआत में उसने मां को जहर देने की योजना बनाई थी, लेकिन बाद में उसने अपना इरादा बदल लिया और सिर्फ नींद की गोलियां देने लगी।
नींद की गोलियों की भारी खुराक दी जा रही थी
घटना तब उजागर हुई जब लगातार दवाओं के असर से मां की तबीयत खराब होने लगी। परिवार वालों को शक हुआ और वे उसे अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने बताया कि महिला को लंबे समय से नींद की गोलियों की भारी खुराक दी जा रही थी। जब परिजनों ने किशोरी से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने पूरी सच्चाई बता दी। यह मामला तब शुरू हुआ जब किशोरी की फोन पर बात करने की आदत पर उसकी मां ने रोक लगा दी और उसका फोन छीन लिया। इससे नाराज होकर लड़की ने मां से झगड़ा किया और मारपीट भी की। गुस्से में आकर उसने मां को बेहोश करने की साजिश रची, ताकि वह अपनी मर्जी से काम कर सके।
यह घटना समाज के लिए एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा करती है
जब इस घटना का खुलासा हुआ, तो परिवार ने किशोरी को घर पर रखने से इनकार कर दिया। परामर्शदाताओं ने परिवार को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। आखिरकार, लड़की को शेल्टर होम भेज दिया गया। यह घटना समाज के लिए एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा करती है। माता-पिता और बच्चों के बीच संवाद की कमी और डिजिटल युग में किशोरों के बढ़ते प्रभाव पर ध्यान देना जरूरी है। यह स्पष्ट करता है कि इस उम्र में बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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