

सेबी (SEBI) ने म्यूचुअल फंड फोलियो और डीमैट अकाउंट के लिए नॉमिनी प्रोसेस को बेहतर बनाने के लिए नए नियम जारी किए हैं. 1 मार्च 2025 से लागू होने वाले ये बदले हुए नियम खासकर निवेशक के बीमार पड़ने या मृत्यु होने पर एसेट ट्रांसफर को आसान करने के लिए बनाए गए हैं. बिना नॉमिनी वाले अकाउंट खासकर सिंगल अकाउंट होल्डर के लिए नॉमिनी देना जरूरी होगा ताकि बिना क्लेम वाले एसेट को रोका जा सके. निवेशकों को नॉमिनी से जुड़ी पूरी जानकारी जैसे पैन, आधार (आखिरी चार अंक) या डीएल नंबर से जुड़ी जानकारी देनी होगी.
1 मार्च की सुबह से 19 किलो वाले कमर्शिल गैस सिलेंडर की कीमत में इजाफा हो गया है. सरकारी तेल कंपनियों ने 1 मार्च 2025 से 19 किलो वाले कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में इजाफा कर दिया है. 1 फरवरी 2025 को 7 रुपये सस्ता हुआ सिलेंडर आज से 6 रुपये महंगा हो गया है. इस बढ़ोतरी के साथ ही 19 किलो वाले कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 1797 रुपये से बढ़कर 1803 रुपये हो गई है.
आज यानी 1 मार्च 2025 से यूपीआई यूज करने वाले ‘बीमा-एएसबीए’ (Bima-ASBA) सुविधा के तहत पैसा रोककर इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान कर सकेंगे. इसका मतलब यह हुआ कि पॉलिसी लेने वाले बीमा भुगतान के लिए पैसे रोक सकते हैं और पॉलिसी स्वीकार होने के बाद ही सही समय पर भुगतान होगा. अगर बीमा कंपनी प्रस्ताव को मना कर देती है तो रोकी गई रकम वापस मिल जाएगी.
1 मार्च 2025 से टैक्स से जुड़े कई बदलाव हो रहे हैं. टैक्स स्लैब और टीडीएस (स्रोत पर टैक्स कटौती) की लिमिट में बदलाव होने की संभावना है, जिससे टैक्सपेयर को राहत मिल सकती है.
जीएसटी पोर्टल को और ज्यादा सेफ बनाने के लिए अब मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल किया जाएगा. बिजनेस मालिकों को अपने कंप्यूटर सिस्टम को नए सेफ्टी फीचर्स के हिसाब से बदलना होगा, ताकि जीएसटी से जुड़े काम ऑनलाइन सही तरीके से निबटाये जा सकें.
सिलेंडर की कीमत में इजाफे के साथ ही तेल कंपनियों की तरफ से एयरलाइंस को राहत दी गई है. कंपनियों ने एयर फ्यूल के दाम में कटौती का ऐलान किया है. घरेलू एयरलाइंस के लिए एयर टर्बाइन फ्यूल यानी एटीएफ के दाम में 222 रुपये प्रति किलो लीटर की कमी कर दी गई है. एटीएफ की कीमत में कटौती का असर आने वाले समय में घरेलू हवाई के टिकट पर देखने को मिल सकता है.
1 मार्च कुछ बैंकों की तरफ से अपनी एफडी की ब्याज दर में बदलाव की उम्मीद की जा रही है. हाल ही में कुछ बैंकों की तरफ से एफडी दर में बदलाव किया गया. मार्च 2025 में भी इस तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं. इसका असर सीधा आपकी सेविंग पर पड़ेगा. यह बदलाव पिछले दिनों आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में कटौती किये जाने के बाद किये जा रहे हैं.