8th pay commission implementation : जून में लागू होगा आठवां वेतन आयोग, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में होगी बंपर बढ़ौतरी

8th pay commission implementation : जून में लागू होगा आठवां वेतन आयोग, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में होगी बंपर बढ़ौतरी

Himachali Khabar- (pay revision)। केंद्र सरकार हर 10 साल में नए वेतन आयोग का गठन करती है। ऐसे में सरकार ने 7वें वेतन आयोग का गठन जनवरी 2016 में किया था। ऐसे में इस वेतन आयोग को लागू हुए पुरे 10 साल होने वाले हैं। ऐसे में सरकार अब जल्द ही 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission latest update) का गठन करने वाली है। इस वेतन आयोग के लागू होते ही कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा देखने को मिलेगा। इसके अलावा 8वें वेतन आयोग के लागू होते ही कर्मचारियों और पेंशनर्स को भी कई अन्य भत्तों का भी लाभ दिया जाएगा। आइए विस्तर से जानते हैं 8वें वेतन आयोग को लेकर सरकार का अपडेट।

पिछले वेतन आयोग का गठन करने में लगा इतना समय-

आमतौर पर देखा जाता है कि सरकार नए वेतन आयोग (8th CPC kab lagu hoga) के गठन सिफारिशों के लागू होने की डेडलाइन से कई महीने पहले ही वेतन आयोग का गठन किया जाता है। वेतन आयोग के तहत अपनी सिफारिशों को समय से दे दिया जा सकता है। सरकार उन्हें लागू कर सके। 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) हो या फिर उससे और पहले के पे-कमीशन (pay commission), पिछली बार इस प्रॉसेस में लगने वाले वक्त के बारे में तो इसे देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि ये प्रक्रिया कितनी लंबी रहने वाली है। इतिहास पर नजर डालें तो पिछले तमाम वेतन आयोगों (report for 8th CPC) को बनाने के फैसले की घोषणा किए जाने के बाद उनके गठन में 2 से 5 महीनों का वक्त लगा था।

7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) को लागू करने करने से पहले सरकार को इस वेतन आयोग को मंजूरी 25 सितंबर 2013 को दी थी। इसके बाद इस वेतन आयोग को 28 फरवरी 2014 (7th CPC kab lagu hua tha) को औपचारिक रूप से गठित कर दिया गया था। मंजूरी से गठन तक लगभग पांच महीने का वक्त लगा था।

6वां वेतन आयोग (6th Pay Commission) को बनाने के फैसले की घोषणा जुलाई 2006 में कर दी गई है। इसके बाद इस वेतन आयोग का गठन अक्टूबर 2006 में कर दिया गया था। यानी इस वेतन आयोग (vaten ayog) में लगभग 3 माह का समय लगा था।

5वां वेतन आयोग (5th Pay Commission) को बनाने के फैसले का एलान अप्रैल 1994 में किया गया और जून 1994 में इस वेतन आयोग का गठन (5th pay commission history) कर दिया गया था। इस हिसाब से वेतन आयोग की घोषणा करने में लगभग 2 महीने का समय लगा था।

जानिये कब होगा 8वें वेतन आयोग का गठन-

केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को बनाने का ऐलान 17 जनवरी 2025 को किया था। इस हिसाब से इस वेतन आयोग के गठन के बीच उतना ही समय लगता है, जितना 7वें वेतन आयोग के समय पर लगा था। यह अंतर 5 महीने का ही होगा। इस हिसाब से 8वें वेतन आयोग (8TH CPC latest update) का गठन ज्यादा से ज्यादा जून 2025 तक हो जाना चाहिए। हालांकि सरकार के सामने ऐसा करने की कोई बाध्यता नहीं है। इस बीच, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को भी तय किया जाएगा और इसके हिसाब से ही वेतन (Recomandation for salary) में सिफारिशों को तय किया जाएगा। इसका अनुमान भी पिछले अनुभव के आधार पर ही लगाया जा सकता है।

इस हिसाब से होता है वेतन आयोग पर काम-

आमतौर पर केंद्र सरकार द्वारा हर 10 साल में ही नए वेतन आयोग (pay revision) का गठन किया जाता है। इसकी वजह से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी-भत्तों और पेंशन में महंगाई और आर्थिक हालात के हिसाब से संशोधन किया जाता है। इसके लिए सरकार वेतन आयोग (pay commission latest update) के गठन की भी अधिसूचना को जारी रखती है। इसके बाद आयोग सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन (pension hike) से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार करके अपनी सिफारिशें को सरकार को सौंपता है।

फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से बढ़ेगी सैलरी-

आयोग द्वारा पेश की गई इन सिफारिशों के आधार पर ही कर्मचारियों की मिनिमम बेसिक सैलरी, (Basic salary hike) फिटमेंट फैक्टर और वेतन मैट्रिक्स जैसी कई अहम बातों पर ध्यान दिया जाता है। फिटमेंट फैक्टर तय करने के लिए आयोग की ओर से एक फिटमेंट कमेटी (Fitment Committee) को भी बनाया गया है। इसके हिसाब से कर्मचारियो की महंगाई और दूसरे आर्थिक फैक्टर्स पर भी गौर किया जाता है। फिटमेंट फैक्टर एक तरह का मल्टीप्लायर (Fitment Factor of Multiplier) होता है। इस मल्टीप्लायर के हिसाब से ही कर्मचारियों की सैलरी में संशोधन किया जाता है। फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor kya h) के हिसाब को तय करने के लिए मंत्रालयों और सरकारी विभागों का इनपुट भी लिया जाता है।

आयोग की सिफारिशों की होती है समीक्षा- 

8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की सिफारिशें मिल जाने के बाद सरकार उनकी समीक्षा के लिए अलग से समितियों का निर्माण करती है। इसके हिसाब से ही जरूरत पड़ने पर सिफारिशों में भी बदलाव किया जाता है। समीक्षा के बाद से ही सिफारिशों को कैबिनेट यानी केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) के सामने मंजूरी के लिए रखा दिया जाएगा। सरकार की फाइनल मंजूरी के बाद केंद्र सरकार की तरफ से बदले हुए वेतनमान (Salary Structure) को लागू करने की अधिसूचना (Notification) को भी जारी किया जाता है। वेतन आयोग की सिफारिशों को मानना सरकार के लिए वैधानिक रूप से जरूरी नहीं है।

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