हे भगवान! इस समाज को हुआ क्या, नाबालिग लड़के ने एक बच्ची का किया रेप, गर्भवती होने पर हुआ खुलासा, पढ़कर शर्म से झुक जाएंगी आखें..

हे भगवान! इस समाज को हुआ क्या, नाबालिग लड़के ने एक बच्ची का किया रेप, गर्भवती होने पर हुआ खुलासा, पढ़कर शर्म से झुक जाएंगी आखें..उत्तर प्रदेश: एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में साढ़े 17 वर्षीय आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो अधिनियम) कौलेश्वर नाथ पांडेय के अनुसार, विशेष न्यायाधीश किशोर न्यायालय/अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) मधु डोगरा ने शुक्रवार को आरोपी को दोषी ठहराया और उस पर 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना आरोपी के अभिभावक से वसूला जाएगा। आरोपी को उसकी उम्र को देखते हुए मिर्जापुर जिले के बाल सुधार गृह भेजा जाएगा और बालिग होने पर जिला जेल स्थानांतरित किया जाएगा।

भदोही की थी ये घटना

पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिमन्यु मांगलिक ने बताया कि घटना 25 नवंबर 2023 को भदोही जिले के औराई थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई। 15 वर्षीय लड़की के माता-पिता मुंबई गए थे, और वह अपने छोटे भाई-बहन के साथ अकेली थी। पड़ोस के एक लड़के ने उसके घर की छत पर आकर उसके साथ दुष्कर्म किया और उसे डरा-धमकाकर तीन दिन तक उसके साथ दुर्व्यवहार जारी रखा। लड़की ने धमकी के कारण घटना किसी को नहीं बताई। बाद में, जब उसकी तबीयत खराब हुई, तो अस्पताल में पता चला कि वह गर्भवती है। परिवार ने सामाजिक कलंक के डर से 29 मार्च 2024 को गर्भपात कराया।

अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया

31 मार्च 2024 को लड़की ने थाने में शिकायत दर्ज की। आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (दुष्कर्म) और 506 (आपराधिक धमकी) तथा पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। समाज में बढ़ती अश्लीलता और दुष्कर्म की घटनाओं पर अब तक रोक क्यों नहीं लग पाई है? यह एक गंभीर सवाल है, जिस पर गहन विचार करने की आवश्यकता है। हर दिन कहीं न कहीं किसी मासूम के साथ दरिंदगी की खबरें सुनने को मिलती हैं। आखिर यह भयावह घटनाएं कब थमेंगी?

इस समाज में जी रही पीड़िताएं पूछ रही हैं

इस समाज में जी रही पीड़िताएं पूछ रही हैं. इन अपराधों का हल कब निकलेगा? आखिर कब तक बेटियों को इस दर्द से गुजरना पड़ेगा? हम सिर्फ खबरें सुनकर आक्रोश तो जताते हैं, लेकिन असली सवाल यह है कि ठोस कदम कब उठाए जाएंगे? जरा सोचिए, उस लड़की पर क्या बीती होगी, जिसने इतनी भयावह त्रासदी झेली? यह जख्म जीवनभर उसका पीछा नहीं छोड़ेंगे। अब वक्त आ गया है कि समाज इस मुद्दे पर गंभीरता से सोचे और ठोस समाधान निकाले। इस खबर पर आपकी आपकी राय क्या है? कमेंट बॉक्स में जरूर साझा करें।

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