अभी अभीः शेयर बाजार में हाहाकार के बीच पूर्व SEBI चीफ माधवी बुच पर FIR, इस मामले में बडा ऐक्शन..

Just now: FIR against former SEBI chief Madhavi Buch amid chaos in the stock market, big action in this caseJust now: FIR against former SEBI chief Madhavi Buch amid chaos in the stock market, big action in this case

मुंबई की एक स्पेशल एंटी-करप्शन कोर्ट ने SEBI की पूर्व चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। शेयर मार्केट फ्रॉड और नियामक उल्लंघन के मामले में कोर्ट ने माधवी के अलावा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ भी केस दर्ज करने का आदेश दिया।

यह आदेश स्पेशल जज एसई बांगर ने ठाणे बेस्ड जर्नलिस्ट सपन श्रीवास्तव की ओर से दायर याचिका पर दिया। सपन ने स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी की लिस्टिंग में बड़े पैमाने पर फाइनेंशियल फ्रॉड और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

सेबी और कॉर्पोरेट संस्थाओं के बीच मिलीभगत, इनसाइडर ट्रेडिंग और लिस्टिंग के बाद पब्लिक फंड की हेराफेरी के आरोप भी लगाए गए हैं। एडिशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर प्रभाकर तरंगे और राजलक्ष्मी भंडारी महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश हुए।

माधवी बुच समेत छह लोगों पर FIR का आदेश

SEBI की पूर्व चीफ माधवी पूरी बुच
SEBI के होल टाइम मेंबर अश्वनी भाटिया
SEBI के होल टाइम मेंबर अनंत नारायण
SEBI के होल टाइम मेंबर कमलेश चंद्र वार्ष्णेय
BSE के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल
BSE के CEO सुंदररमन राममूर्ति
ACB को 30 दिनों के भीतर स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी होगी

जज बांगर ने शिकायत और सहायक दस्तावेजों की समीक्षा करने के बाद यह आदेश दिया। जज ने मुंबई के एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी), भारतीय दंड संहिता, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और सेबी अधिनियम के तहत FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। अदालत ने ACB को 30 दिनों के भीतर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

शिकायतकर्ता के तीन तर्क…

सेबी के अधिकारी अपने वैधानिक कर्तव्य में विफल रहे।
बाजार में हेराफेरी करने दी गई, इससे निवेशकों को नुकसान हुआ।
नियमों को पूरा नहीं करने वाली कंपनी की लिस्टिंग की अनुमति दी।
अब माधबी बुच के बारे में जानिए

बुच ने अपना करियर 1989 में ICICI बैंक से शुरू किया था। 2007 से 2009 तक ICICI बैंक में एग्जीक्यूटिव डायरेक्ट थीं। वे फरवरी 2009 से मई 2011 तक ICICI सिक्योरिटीज की मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO थीं।

2011 में सिंगापुर चली गईं और वहां उन्होंने ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल में काम किया। माधबी के पास फाइनेंशियल सेक्टर में 30 साल का लंबा अनुभव है और वे सेबी की तमाम कमेटियों में पहले भी रह चुकी हैं। वे अभी इसकी एडवाइजरी कमेटी में भी थीं।

सेबी चीफ पर लगे बड़े आरोप…

हिंडनबर्ग का आरोप- अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में SEBI चीफ की हिस्सेदारी

अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार (19 अगस्त) की रात 9:57 बजे एक रिपोर्ट जारी की। इसमें दावा किया गया था कि SEBI चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है। व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के आधार पर हिंडनबर्ग ने दावा किया कि बुच और उनके पति की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है।
हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया था कि ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में कथित तौर पर अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर निवेश किए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल अडाणी ग्रुप के शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया था।
बुच 16 मार्च 2022 तक एगोरा पार्टनर्स सिंगापुर की 100% शेयरधारक बनी रहीं और सेबी के मेंबर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान वह इसकी मालिक रहीं। सेबी चेयरपर्सन के रूप में नियुक्ति के 2 हफ्ते बाद उन्होंने अपने शेयर अपने पति के नाम ट्रांसफर किए।
सेबी चीफ रहते 3 जगहों से सैलरी लेने का आरोप

SEBI चीफ पर कांग्रेस पार्टी ने भी आरोप लगाए थे। कॉग्रेस ने SEBI से जुड़े होने के दौरान ICICI बैंक समेत 3 जगहों से सैलरी लेने का आरोप लगाया था।
कॉग्रेस स्पोक्सपर्सन खेड़ा ने कहा था, ‘माधबी पुरी बुच 5 अप्रैल, 2017 से 4 अक्टूबर, 2021 तक SEBI में पूर्णकालिक सदस्य थीं। फिर 2 मार्च, 2022 को माधबी पुरी बुच SEBI की चेयरपर्सन बनीं। SEBI की चेयरपर्सन को नियुक्त करने वाली कैबिनेट में PM मोदी और अमित शाह शामिल हैं।’
हालांकि, सेबी चीफ और ICICI बैंक दोनों ने आरोपों को नकार दिया। बैंक ने कहा, ‘बैंक से रिटायर होने के बाद माधवी को कोई सैलरी या एम्प्लॉई स्टॉक ऑप्शन नहीं दिया गया। उन्होंने सिर्फ रिटायरमेंट बेनिफिट्स लिए।’
28 फरवरी को सेबी चीफ के पद से रिटायर हुई हैं माधबी बुच

माधबी पुरी बुच 28 फरवरी को सेबी चीफ के पद से रिटायर हुई हैं। उनकी जगह केंद्र सरकार ने वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे को अगला SEBI प्रमुख नियुक्त किया है। तुहिन अगले 3 साल के लिए इस पद पर रहेंगे।

तुहिन कांत पांडे ओडिशा कैडर के 1987 बैच के IAS अधिकारी हैं। वे मोदी 3.0 सरकार में भारत के सबसे व्यस्त सचिवों में से एक हैं। वे फिलहाल केंद्र सरकार में चार महत्वपूर्ण विभागों को संभाल रहे हैं। उन्हें 7 सितंबर 2024 को वित्त सचिव के पद पर नियुक्त किया गया था।

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