बैठक में महिला दरोगाओं से उनकी परेशानियां पूछी गईं तो हिम्मत जुटाकर दो महिला दरोगाओं ने बताया कि एसीपी देर रात अपने फ्लैट पर अर्दली रूम के लिए बुलाते हैं। घंटों रोककर रखते हैं। खुद कुर्सी पर बैठे रहते हैं। उन्हें बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं देते। अर्दली रूम के लिए रात को अचानक फोन आता है। उस समय वे घर पर होती हैं। कहा कि मीटिंग हाल में सोफा है। उस पर इंस्पेक्टर बैठ जाते हैं। यह मीटिंग दिन में थाना परिसर में भी ली जा सकती है। देहात के एक थानाध्यक्ष की भी महिला दरोगाओं ने शिकायत की। बताया कि थानाध्यक्ष भी रात 11 बजे बुलाते है।
क्यों बुलानी पड़ी बैठक
आगरा के ही एत्माद्दौला थाना प्रभारी दुर्गेश कुमार मिश्र की करतूत सामने आने के बाद पुलिस कमिश्नर के आदेश पर महिला एसीपी ने महिला पुलिसकर्मियों की बैठक बुलाई थी। थाना प्रभारी दुर्गेश कुमार मिश्र पर ट्रेनी महिला दारोगा ने दो दिन पहले गंभीर आरोप लगाए थे। आगरा कमिश्नर को लिखे पत्र में महिला दारोगा ने कहा था कि थाना प्रभारी उस पर बदनीयत रखता है। कहा कि 20 जून को रात 12 बजे फोन करके थाना प्रभारी ने कहा कि बहुत गर्मी है, मेरे कमरे में एसी लगा है। यहां आकर सो जाओ। मना करने पर उसको थाने से हटाने और बदनाम करने तक की धमकी दी।
महिला दारोगा महीनों से इस्पेक्टर की हरकतें सहन कर रही थी। कहा कि होली के दिन जबरन थाने में बैठाए रखा था और फिर उसको अचानक पकड़ लिया। यही नहीं उसको किस करने लगा। ट्रेनी महिला दारोगा ने कहा कि नई नौकरी है, छूट जाएगी, इसलिए बर्दाश्त कर लिया, लेकिन थाना प्रभारी की अश्लील हरकतें बंद नहीं हुईं।
महिला दारोगा ने कहा कि थाना प्रभारी उसको थाने में ही कमरा दिलाना चाहता था, लेकिन जब उसने बाहर कमरा ले लिया तो उसके खिलाफ रपट लगा दी। थानेदार शादी नहीं होने देना चाहता है, अपने साथ रखने के लिए दबाव बनाता है। डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि ट्रेनी महिला दारोगा की शिकायत पर थाना प्रभारी (SHO) दुर्गेश कुमार मिश्र और सब इंस्पेक्टर अमित प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है। जांच में दोनों को दोषी पाया गया है। इस पूरे मामले की बारीकी सी जांच कराई जा रही है।