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2100 रुपये की चीज से खरीद कर ले आया था शख्स और बन गया 368 करोड़ रु का मालिक

2100 रुपये की चीज से खरीद कर ले आया था शख्स और बन गया 368 करोड़ रु का मालिक

किसकी किस्मत कब चमक जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. ऐसा ही एक बड़ा चमत्कार हुआ है अमेरिका के एक व्यक्ति के साथ. वो 2100 रुपये की कीमत अदा कर एक चीज ख़रीद कर लाया और बाद में उसे पता चला कि जिस चीज के लिए उसने 2100 रुपये का भुगतान किया है उसकी असली कीमत लाखों-करोड़ों में भी नहीं बल्कि अरबों रुपयों की है.

2100 रुपये की चीज से खरीद कर ले आया था शख्स और बन गया 368 करोड़ रु का मालिक

अमेरिका के जिस शख़्स के साथ ऐसा हुआ है उस शख़्स का नामा सामने नहीं आया है. उस शख़्स ने अपना नाम गोपनीय रखा है. क्योंकि वह अचानक से अरबपति जो बन गया है. बता दें कि एक अमेरिकन व्यक्ति हाल ही में एक आर्टवर्क (Expensive Artwork) खरीदकर घर लाया था और उसके लिए उसने 2100 रुपये चुके थे. हालांकि उसकी असली कीमत जानकर वह हैरान रह गया. उस आर्टवर्क की कीमत 368 करोड़ रुपये आंकी गई है.

जिस शख़्स के साथ यह बड़ा चमत्कार हुआ है वो अमेरिका के मैसाच्युसेट्स (Massachusetts) का निवासी है. उसने अपना नाम नहीं बताया है. हाल ही में उसने एक मां-बच्चे की तस्वीर (स्केच) को यूं ही आर्टवर्क सेल से ख़रीद लिया था. जिसकी कीमत महज 2100 रुपये थी और उसने 2100 रुपये दिए और वो तस्वीर घर ले आया. हालांकि बाद में उसी तस्वीर ने उसे एक झटके में अरबपति (Billionaire) बना दिया.

painting

‘मिरर यूके’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि जब शख़्स ने यह स्केच खरीदा था तब उसे इस बारे में बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि जिस तस्वीर को वो ख़रीद रहा है और जी कीमत वो अदा कर रहा है उसकी असली कीमत कई गुना ज्यादा है और वो बहुत ही बेशकीमती तस्वीर है. रिपोर्ट में यह बात भी सामने निकलर आई है च वो तस्वीर सालों पुरानी है और बिल्कुल ओरिजनल है.

15वीं शताब्दी का है स्केच…

अब आप सोच रहे होंगे कि आख़िर इस स्केच में ऐसा क्या ख़ास है कि इसकी कीमत 368 करोड़ रुपये आंकी गई है. तो सबसे पहले आपको बता दें कि यह स्केच आज के समय का कुछ सालों या कुछ दशकों पहले का नहीं बल्कि 15वीं शताब्दी का है. इसे बनाने वाले शख़्स का नाम है Albrecht Dürer. यह जर्मन आर्टिस्ट का ओरिजनल आर्टवर्क है.

साल 2016 में वास्तुकार जीन-पॉल कार्लहियन के परिवार ने बेचा था…

आर्टवर्क एक्सपर्ट ने जब इस तस्वीर के संबंध में खोजबीन की तो यह भी पता चला कि इस तस्वीर को साल 2016 में दिवंगत वास्तुकार जीन-पॉल कार्लहियन के परिवार ने बेच दिया था. हैरानी की बात यह रही है. इसे बेचने वाले जीन-पॉल कार्लहियन के परिवार वाले भी इसकी असली कीमत से वाकिफ नहीं थे.

इस मामले को लेकर एक कला संग्रहकर्ता क्लिफोर्ड शोरर ने कहा है कि, ‘यह एक अविश्वसनीय क्षण था जब मैंने Albrecht Dürer की कलाकृति देखी. वो एक उत्कृष्ट कलाकृति थी.

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