ट्रूडो के बाद क्या किसी भारतीय के हाथ आएगी कनाडा की कमान? चंद्र आर्या ने पीएम पद के लिए ठोका दावा

ट्रूडो के बाद क्या किसी भारतीय के हाथ आएगी कनाडा की कमान? चंद्र आर्या ने पीएम पद के लिए ठोका दावाट्रूडो के बाद क्या किसी भारतीय के हाथ आएगी कनाडा की कमान? चंद्र आर्या ने पीएम पद के लिए ठोका दावा

जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने कनाडा के प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है। आर्य ट्रूडो के वफादार माने जाते रहे हैं। उन्होंने यह फैसला उस समय लिया जब लिबरल पार्टी के भीतर ट्रूडो के नेतृत्व को लेकर असंतोष बढ़ रहा है।

अपने सोशल मीडिया पोस्ट में आर्य ने लिखा, “मैं कनाडा का अगला प्रधानमंत्री बनने के लिए खड़ा हो रहा हूं, ताकि एक छोटी और अधिक कुशल सरकार का नेतृत्व कर सकूं और हमारे देश के पुनर्निर्माण के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित कर सकूं।”

कर्नाटक के तुमकुर जिले के सिरा तालुक के द्वारलू गांव के मूल निवासी चंद्र आर्य 2006 में कनाडा में बस गए थे। उन्होंने धारवाड़ के कौसली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से एमबीए किया है। 2015 में उन्होंने पहली बार संघीय चुनाव जीता और 2019 में फिर से सांसद बने। 2022 में उन्होंने कनाडा की संसद में कन्नड़ में भाषण देकर सुर्खियां बटोरी थीं और अक्सर कनाडा में खालिस्तानी तत्वों की आलोचना करते देखे गए हैं।

हाल ही में अपने एक बयान में चंद्र आर्य ने कनाडा के कुछ नेताओं पर हिंदुओं और सिखों को जानबूझकर एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि कनाडाई मूल के हिंदू और सिख एक तरफ हैं और खालिस्तानी दूसरी तरफ। आर्य की यह टिप्पणी ब्रैम्पटन के एक मंदिर में हिंदुओं पर हमले की घटना के कुछ दिन बाद आई है।

आर्य ने कहा कि कनाडा के कई नेता ब्रैम्पटन की घटना को कनाडाई मूल के हिंदुओं और सिखों के बीच संघर्ष के रूप में चित्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं के जानबूझकर किए गए कृत्यों और खालिस्तानियों के प्रभाव के कारण कनाडा के लोग अब खालिस्तानियों और सिखों को एक जैसा समझने लगे हैं।

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