जल हमारे शरीर के लिए कितना आवश्यक है, इसके विषय में लोग जरूर ही परिचित होंगे। यदि शहरों में 24 घंटों के लिए वाटर सप्लाई रोक दिया जाए तो वहां पर अफरा-तफरी मचने लग जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि यही जल प्रदूषित होता जा रहा है जिसमे कई प्रकार के कीटाणु, विषाणु और बैक्टीरिया मौजूद रहते हैं।
यदि हम प्रदूषित जल पिएंगे तो यह जल हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होगा और हम असमय बीमार पड़ जाएंगे, फिर हमें डॉक्टरों की जेब भरना पड़ेगा। इसलिए पानी पीने से पहले हमें वाटर ट्रीटमेंट अवश्य कर लेना चाहिए, उसके बाद ही पानी पिए। गांव में भी पानी पीने योग्य बचा नहीं है, क्योंकि गांव के पानी में अधिक मात्रा में शीशा, मोलिब्डेनम, आर्सेनिक पाए गए हैं जो एक अनुपात से ज्यादा है। इसमें सोचने वाली बात यह है कि पानी मे ये हानिकारक रसायन कंहा से आ जाते है जो पानी को विषाक्त बना देता है।
11 कीटाणुओ के नाम जो पीने के पानी को दूषित कर देते हैं-
- शिगेला
- लेजिओनेला
- हेपेटाइटिस ए वायरस
- कैंपिलोबैक्टर
- जिआर्डिया
- नोरोवायरस
- साल्मोनेला
- ई. कोलाई O157
- एंटरोवायरस
- क्रिप्टोस्पोरिडियम
- रोटावायरस
दूषित पानी से होने वाली बीमारी कौन कौन सी है?
- हेपेटाइटिस ए
- कोलेरा
- पोलियो
- डायरिया
- टायफाइड
- डिसेंट्री
दूषित पानी को पीने योग्य कैसे बनाएं?
- सबसे पहला तरीका है पानी को उबालकर के। पानी को उबालने से पानी में जितने भी कीटाणु उपलब्ध होते हैं वो खत्म हो जाते हैं।
- क्लोरीन ब्लीच और आयोडीन का भी उपयोग करके पानी को कीटाणुरहित रहित बनाया जा सकता है।
- पोर्टेबल फिल्टर जैसे आरओ यूज़ करके भी दूषित पानी को पीने लायक बनाया जा सकता है।
- सोलर डिसइन्फेक्शन का उपयोग करके भी आप पानी को कीटाणुरहित बना सकते हैं।
- अल्ट्रावॉयलेट लाइट का भी प्रयोग करके पानी को कीटाणुओं से मुक्त बनाया जा सकता है।