माना जा रहा है कि कुछ राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार पुरानी पेंशन जैसे अन्य मुद्दों पर कोई अहम फैसला ले सकती है, जिससे पहले यह बैठक बुलाई गई है। लंबे समय से कर्मचारियों की मांग रही है कि पुरानी पेंशन को बहाल किया जाए।
सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को लेकर भी कर्मचारी यूनियन विरोध जताती आ रही हैं। रेलवे समेत तमाम सरकारी विभागों में पद खाली पड़े हैं, जिन्हें भरने को लेकर भी कर्मचारी यूनियनों की लंबे समय से मांग रही है। ऐसे में सीधे प्रधानमंत्री के साथ होने जा रही बैठक को काफी अहम माना जा रही है।
सात लोक कल्याण मार्ग पर होने वाली बैठक में कर्मचारियों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होनी की उम्मीद है। इसमें पुराने पेंशन को लेकर भी कोई अहम फैसला हो सकती है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के आम बजट को पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पेंशन में सुधार की बात कही थी। इस लिहाज से बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। इसे भी जरूर पढ़ें –