नई दिल्ली। बांग्लादेश में इस्कॉन धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर हिंदुओं ने बवाल काट दिया है। बांग्लादेश के हिंदू सड़क पर उतर आए हैं और यूनुस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
इसे लेकर पुलिस से लेकर सेना तक उन पर अत्याचार कर रही है लेकिन वो पीछे नहीं हट रहे। इसी बीच मुस्लिमों ने जबरदस्ती शिबचर स्थित इस्कॉन को बंद करा दिया है। इतना ही नहीं श्रद्धालुओं को वाहन में भरकर सेना अपने साथ ले गई है।
बंद करा दिया इस्कॉन
इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता राधारमण दास ने एक्स पर लिखा कि बांग्लादेश में शिबचर स्थित इस्कॉन नमहट्टा केंद्र को मुस्लिमों ने जबरदस्ती बंद कर दिया है। वहाँ पर सेना आई और फिर इस्कॉन श्रद्धालुओं को एक वाहन में भरकर ले गई। दरअसल स्थानीय इस्लामी समूह के नेता शिबचर स्थित इस्कॉन केंद्र को 24 घंटे के बंद करने को कह रहे थे।
भारत ने जताई है नाराज़गी
बता दें कि भारत ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर कहा कि बांग्लादेश में अपराधी खुले घूम रहे हैं जबकि हक मांगने वाले को जेल में डाला गया है। चटगांव में हिन्दू मंदिरों पर हमला किया जा रहा है। चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी से हम चिंतित हैं। अल्पसंख्यकों के घरों और दुकानों में आगजनी हो रही है। मंदिरों में लूटपाट किया जा रहा। बांग्लादेश हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ले। सभी को अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार मिले।
दखल नहीं
भारत की नाराजगी पर बांग्लादेश सरकार ने जवाब जारी किया कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को कुछ लोगों ने गलत तरीके से पेश किया है। इस तरह के बेबुनियाद बयान दोनों पड़ोसी देशों के बीच दोस्ती और आपसी समझ की भावना के उलट है। बांग्लादेश सरकार न्यायपालिका के कामों में दख़ल नहीं देती है। यहां की न्यायपालिका पूरी तरह से स्वतंत्र है। मामला यही अदालत में है तो फैसला भी अदालत करेगी।