दिल्ली में पुरानी गाड़ियों के मालिकों को बड़ी राहत, 1 नवंबर से आएगा नया नियम.

दिल्ली सरकार ने फिलहाल 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों पर लगे प्रतिबंध पर रोक लगा दी है. हालांकि ये फैसला कुछ महीनों के लिए टाला गया है. सरकार 1 नवंबर से नया नियम लेकर आ सकती है.

दिल्ली में पुरानी गाड़ियों के मालिकों को बड़ी राहत, 1 नवंबर से आएगा नया नियम

End of Life यानी 10 साल पुराने डीजल और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों को दिल्ली में ईंधन ना देने और जुर्माना लगाने की योजना को CAQM ने 1 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है. CAQM ने ये फैसला मंगलवार को हुई बैठक में लिया. CAQM के मुताबिक तेल बंदी की योजना अब 1 नवंबर 2025 को अन्य पांच शहरों गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, सोनीपत और गौतम बुध नगर के साथ दिल्ली में भी लागू होगी.

दिल्ली में 1 जुलाई से अपनी मियाद पूरे कर चुके वाहनों का ईंधन बंद कर दिया गया था. साथ ही ऐसे वाहनों को सड़क पर पाए जाने पर ₹10,000 का जुर्माना किया जा रहा था. लोगों के भारी विरोध के बाद दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने CAQM को चिट्ठी लिखकर इस योजना को नवंबर तक डालने और अन्य शहरों के साथ लागू करने के लिए आग्रह किया था. दिल्ली सरकार का तर्क था कि मौजूदा प्रणाली में खामी है और यह फिलहाल व्यावहारिक और तर्क संगत नहीं है.

उपराज्यपाल ने सरकार को लिखा था पत्र

इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सरकार को पत्र लिखकर इस फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी. पत्र उन्होंने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को संबोधित करते हुए कहा कि फिलहाल दिल्ली इस बैन के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने दिल्ली सरकार से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने और सरकार की ओर से उठाए गए कदमों को कोर्ट के संज्ञान में लाने एवं अपने पिछले आदेश पर पुनर्विचार करने को कहा. उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग अपनी पूरी कमाई वाहन खरीदने में खर्च कर देता है और उन्हें कबाड़ में डालना उनके साथ अन्याय होगा.

क्या बोलीं थी दिल्ली की मुख्यमंत्री

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा था कि उनकी सरकार सुप्रीम कोर्ट से राष्ट्रीय राजधानी में ओवरएज वाहनों के लिए समान नियम बनाने की मांग करेगी, जैसा कि पूरे देश में लागू है. गुप्ता की यह टिप्पणी दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से उन्हें लिखे गए पत्र के बाद आई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह सोचना ‘अतार्किक’ है कि 10 साल पुराना डीजल वाहन दिल्ली में अपनी जीवन अवधि पूरी कर चुका है, जबकि उसी कानून के तहत किसी अन्य शहर में वह सड़क पर चलने लायक और वैध है.

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