बेडरूम में था बॉयफ्रेंड, तभी बेड के नीचे से आई अजीब आवाज…झांका तो उडे होश

नई दिल्ली: एक मासूम बच्चा, जो जन्म लेते ही महज 2-3 फीट चौड़ी एक दराज में कैद हो गया। ना उसने कभी सूरज की रोशनी देखी और ना खुली हवा में सांस ली। उसे कभी उसके बर्थडे का कोई तोहफा नहीं मिला। किसी ने उसे कभी गोद में लेकर नहीं खिलाया। वक्त बीतता रहा और तीन साल तक वो इसी हालत में रहा। उसकी इस हालत का जिम्मेदार भी कोई और नहीं, बल्कि खुद उसकी मां थी। कोर्ट ने अब इस जालिम मां को साढ़े सात साल जेल की सजा सुनाई है।

आखिर क्या थी ये पूरी कहानी?
मामला फरवरी 2023 का है। महिला अपने पति से अलग हो चुकी थी और घर में बच्चों के साथ रहती थी। इस नवजात बच्चे के बारे में उसने अपने बाकी बच्चों को भी कुछ नहीं बताया। उसके जुर्म का पर्दाफाश उस वक्त हुआ, जब इस महिला का बॉयफ्रेंड उससे मिलने के लिए सुबह-सुबह उसके घर आया। दोनों में कुछ देर बातें हुई और इसके बाद इनके बीच बाहर जाने का प्लान बन गया।

बॉयफ्रेंड ने ही खोली सच्चाई
दोनों घर से बाहर निकले ही थे कि महिला का बॉयफ्रेंड टॉयलेट इस्तेमाल करने के लिए वापस लौटा। इस दौरान महिला घर के बाहर ही खड़ी रही। उसका बॉयफ्रेंड टॉयलेट के लिए जब बेडरूम में गया, तो उसने बच्चे के रोने की आवाज सुनी। ये आवाज बेड के नीचे बनी दराज से आ रही थी। उसने जैसे ही दराज खोली, उसके होश उड़ गए। दराज में एक मासूम बच्चा बुरी हालत में लेटा हुआ था।

हालांकि, इस बारे में महिला के बॉयफ्रेंड ने उससे कुछ नहीं कहा और अपने घर जाकर परिजनों को पूरी बात बताई। इसके बाद मामले की खबर पुलिस को दी गई और इस महिला को गिरफ्तार कर लिया गया। इधर, पुलिस ने जब उसके बच्चे को दराज से बाहर निकाला, तो उसकी हालत काफी गंभीर मिली। बच्चे के बाल उलझे हुए थे, शरीर में कई विकृतियां थीं और चकत्ते भी थे।

मां के अलावा किसी ने नहीं देखा था चेहरा
महिला से जब पूछा गया कि क्या वो हमेशा अपने बच्चे को इसी दराज में कैद रखती थी, तो उसने बेहद बेरुखी के साथ हां में जवाब दिया। अपने बच्चे के प्रति उसके अंदर किसी तरह की कोई भावना नहीं दिखी। उसके हाव-भाव ऐसे थे, जैसे कुछ हुआ ही नहीं। उससे पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ कि उस मां के अलावा शायद ही परिवार का कोई ऐसा सदस्य होगा, जिसने कभी इस बच्चे का चेहरा देखा हो।

इंग्लैंड के चेशायर की रहने वाली इस महिला को जब कोर्ट में पेश किया गया, तो उसकी इस हरकत के पीछे की वजह निकलकर सामने आई। उसने बताया कि उसे अपनी गर्भावस्था के बारे में पता नहीं था और जब उसने बच्चे को जन्म दिया तो वह बहुत डरी हुई थी। उसने यह भी दावा किया कि उसने बच्चे को हर समय दराज में नहीं रखा।

क्या थी बच्चे को छिपाकर रखने की वजह
हालांकि, महिला ने पुलिस को यह भी बताया कि ये बच्चा उसके परिवार का हिस्सा नहीं था। उसने कोर्ट में कहा कि बच्चे के पिता के साथ उसका रिश्ता काफी खराब हो चुका था और वह नहीं चाहती थी कि उस शख्स को बच्चे के बारे में पता चले। उसने दावा किया कि यही वजह थी, जिसकी वजह से उसने इस बच्चे को इस तरह गुमनामी में रखा।

सारी दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने इस महिला को साढ़े सात साल कैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी महिला ने जो किया, उसपर विश्वास करना भी मुश्किल है। एक मां इस तरह क्रूर कैसे हो सकती है। उसने एक छोटे बच्चे को हर तरह के प्यार और देखभाल से दूर रखा। ना ये बच्चा किसी से बात कर पाया, ना उसे उचित आहार मिला और ना ही वक्त पर कोई इलाज।

अपने नाम तक से अंजान है बच्चा
कोर्ट ने कहा कि महिला ने हालातों को पूरी तरह से अपने कंट्रोल में करने की कोशिश की, ताकि किसी को इस बच्चे के बारे में पता ना चल पाए। लेकिन, आखिरकार उसका खौफनाक राज दुनिया के सामने आ गया। बच्चे पर अपनी ही मां के इस जुल्म का शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक तौर पर गहरा असर पड़ा। ये बच्चा अपने नाम से पुकारे जाने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पाता।

वहीं, महिला के वकील ने उसके बचाव में तर्क दिया कि वो मानसिक बीमारियों से जूझ रही थी। साथ ही उसके सामने कोविड महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन की चुनौतियां भी थीं। वकील ने कोर्ट में कहा कि बच्चे के पिता के साथ महिला के रिश्ते खराब हो चुके थे। हालांकि, कोर्ट में उसकी दलीलें नहीं टिकीं और महिला को साढ़े सात साल कैद की सजा सुनाई गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *