Champions Trophy 2025: बड़ी-बड़ी डींगे हांकने के बाद पाकिस्तान के तेवर अब नरम होते नजर आ रहे हैं. पाकिस्तान में हाल ही में राजनीतिक विरोध-प्रदर्शन के बाद चैंपियंस ट्रॉफी 2025 पूरी तरह से किसी दूसरे देश में आयोजित होने की संभावना है.
इस्लामाबाद में चल रहे राजनीतिक विरोध-प्रदर्शन का असर सीधे तौर पर खेलों पर पड़ता दिख रहा है. श्रीलंका की ‘ए’ टीम अब वापस अपने देश लौट रही है. उसने पाकिस्तान शाहीन्स के खिलाफ चल रही वनडे सीरीज को बीच में ही छोड़ दिया है.
सूत्रों ने आईएएनएस को बताया,”यह आईसीसी बोर्ड की वर्चुअल बैठक से एक दिन पहले हुआ है, जो 2025 चैंपियंस ट्रॉफी के कार्यक्रम पर फैसला करेगी. ऐसे में इस मामले को लेकर सस्पेंस बढ़ गया है. कुछ और प्रतिभागी देशों के सुरक्षा संबंधी चिंता व्यक्त किए जाने के कारण, इस आयोजन को पाकिस्तान से बाहर ले जाने का खतरा मंडरा रहा है. बढ़ते दबाव के कारण पीसीबी अब इसे हाइब्रिड मॉडल में आयोजित करने पर सहमति जता सकती है.”
देश में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सफल आयोजन के पाकिस्तान के दावों को मंगलवार को बड़ा झटका लगा, जब श्रीलंका ए टीम ने पाकिस्तान की राजधानी में चल रहे बवाल के कारण अपना दौरा रद्द करने का फैसला लिया. इसके बाद ही पीसीबी ने पाकिस्तान शाहीन्स और श्रीलंका ए के बीच होने वाले आखिरी दो 50 ओवर के मैचों को स्थगित कर दिया है. रद्द किए गए मैच बुधवार और शुक्रवार को खेले जाने थे.
इस वक्त पाकिस्तान की राजधानी में पूरी तरह अराजकता है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक और जनरल आसिम मुनीर की सेना के बीच टकराव बढ़ गया है. पाकिस्तान 1996 के बाद से अपने पहले आईसीसी इवेंट की मेजबानी करने की उम्मीद कर रहा था, लेकिन इस घटना के बाद इसकी संभावनाएं कम नजर आ रही हैं. पाकिस्तान की राजधानी में इस समय सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, क्योंकि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और क्रिकेटर इमरान खान के समर्थकों ने बड़ी संख्या में राजधानी की घेराबंदी कर रखी है.
भारत के चैंपियंस ट्रॉफी खेलने के लिए पाकिस्तान जाने से इनकार करने के बाद से ही पड़ोसी मुल्क की परेशानी बढ़ी हुई थी. ऐसे में वहां चल रहे बवाल ने इस टूर्नामेंट की मेजबानी को और भी असंभव बना दिया है. अब आईसीसी जल्द ही फैसला लेगी कि क्या पाकिस्तान से मेजबानी छीन ली जाएगी या इसका कोई और विकल्प होगा. श्रीलंका ए टीम का दौरा रद्द होने से चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान जाने वाले खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर चिंता हो सकती है.