कई लोग हमारे जीवन का हिस्सा होते हैं। हमारे दोस्त, रिश्तेदार, हमारी जान पहचान वाले, आस पड़ोस वाले, इत्यादि। पर उनमें से कुछ ही लोग होते हैं, जो सच मे हमारा भला चाहते हैं और कुछ लोग ऐसे होते हैं जो हमारा भला चाहने का केवल दिखावा करते हैं।
पर हमें इस बात की पहचान होना बहुत जरूरी है कि हमें किस तरह के लोगों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। हमारे आस पास कुछ ऐसे लोग होते हैं, जो सांप और बिच्छू से भी ज्यादा खतरनाक होते हैं। आचार्य चाणक्य ने मनुष्य जीवन से जुड़ी कई नीतियां बतायी है। आइये जानते हैं कि इस बारे में उनके क्या विचार है।
आचार्य चाणक्य ने कुछ लोगों की प्रवृत्ति के बारे में कुछ यूं बताया है कि वे लोग अगर हमारे पास रहे, तो हमारे जीवन में विष भर सकते हैं। इस वजह से हमें ऐसे लोगों से बचकर रहना चाहिए, तो चलिए चाणक्य के अनुसार बताए गए ऐसे लोगों के बारे में जानते हैं ताकि आप भी उससे सावधान रह सके।
1. स्वार्थ से भरे व्यक्ति
स्वार्थी व्यक्ति कभी भी किसी के बारे में नहीं सोचता सिवाए अपने। उसे किसी से कोई मतलब नहीं होता। वह कभी किसी की कोई मदद नहीं करता, जब तक कि उससे उसका कोई फायदा न हो। स्वार्थी व्यक्ति कभी भी धोखा दे सकता है।
2. लालची प्रवृत्ति के लोग
यह कहावत तो आपने सुनी होगी ही कि लालच बुरी बला है। लालच इंसान को अंधा बना देती है। इसलिए आचार्य चाणक्य के अनुसार आपको कभी भी एक लालची व्यक्ति का सहारा नहीं लेना चाहिए। ऐसे लोगों का कोई भरोसा नहीं होता है। वे अपने लालच के लिये आपकी भी बली चढ़ा सकते हैं।
3. गुस्से से भरे लोग
ज्यादा गुस्सा सेहत और जीवन दोनों के लिए हानिकारक होता है। कभी कभी व्यक्ति गुस्से में अपना खुद का ही नुकसान कर बैठता है और साथ में दूसरो के लिए मुसीबत पैदा कर देता है, क्योंकि गुस्सा इंसान को भले और बुरे में फर्क करना भुला देता है। इसे भी जरूर पढ़ें –