अर्थशास्त्र के आदि प्रणेता और नीतिशास्त्र के मूर्धन्य विद्वान आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र के माध्यम से मानव जीवन से संबंधित कुछ ऐसे मूलभूत तथ्यों पर प्रकाश डाला है जिनका अनुसरण कर आज भी लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
आचार्य ने मानव के स्वभाव से जुड़े गुण और अवगुण की विशद व्याख्या की है। इसी संदर्भ में आचार्य ने कुछ विशेष स्वभाव वाले लोगों की पहचान से अवगत कराया जो कभी किसी को धोखा नहीं देते और सदैव भरोसे पर खरे उतरते हैं। कौन से स्वभाव वाले लोग होते हैं भरोसेमंद, तो चलिए अब हम उसके बारे में जानते हैं।
दो टूक और स्पष्ट बोलने वाले लोग
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो लोग बिना लाग-लपेट के सामने वाले से स्पष्ट बात करते हैं, वे साफ दिल के होते हैं। ऐसे लोगों से बिना संशय के मित्रता की जा सकती है, क्योंकि इस तरह के लोग जीवन में किसी का अहित नहीं करते हैं।
लालच से दूर रहने वाले
आचार्य के अनुसार जो लोग किसी भी चीज के प्रति लालच की भावना नहीं रखते हैं, वो किसी को धोखा नहीं दे सकते। अतः ऐसे व्यक्ति से निसंदेह मित्रता की जा सकती है क्योंकि ऐसे लोगों के पास धोखा देने का मूल कारण (लोभ) ही नहीं रहता।
नि:स्वार्थ सहयोग करने वाले लोग
आचार्य चाणक्य अपने नीतिशास्त्र में कहते हैं कि समाज में ऐसे लोग होते हैं जो बिना किसी स्वार्थ के लोगों की सेवा में तत्पर रहते हैं। ऐसे लोगों को मित्र बनाना हमेशा श्रेयस्कर होता है। क्योंकि वो हर परिस्थिति में आपके साथ समभाव से उपस्थित रहेंगे।
संतुलित व सीमित स्वभाव के लोग
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति वाक्य में यह बताया है कि ऐसे लोग जो दूसरों के आडंबर से प्रभावित नहीं होते तथा अपने में सीमित और संतुलित स्वभाव के होते हैं, वो किसी के साथ विश्वासघात नहीं करते। अतः ऐसे विश्वसनीय व्यक्ति से बिना संदेह के मित्रता की जा सकती है।