Chanakya Niti: माता-पिता भूलकर भी जीवन में न करें ये 4 काम, वरना बच्चे को भुगतना पड़ेगा उसका अंजाम!!

Chanakya Niti for Parents: 350-275 ईसा पूर्व चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में आचार्य चाणक्य प्रधानमंत्री थे। आचार्य चाणक्य को कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है और वो एक बेहतरीन नीतिशास्त्र की जानकारी भी रखते थे। उन्होंने अपनी नीतिशास्त्र में एक से बढ़कर एक बातें बताई हैं जो जीवन की हर परेशानियों का हल बन सकता है। परेशानी चाहे प्रोफेशनली हो या पर्सनली हो, हर मुद्दे पर आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र में आपके लिए हल या समस्या का समाधान मिल सकता है।

Chanakya Niti: माता-पिता भूलकर भी जीवन में न करें ये 4 काम, वरना बच्चे को भुगतना पड़ेगा उसका अंजाम!!

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिन मां-पिता ने अपने बच्चों को पढ़ाया लिखाया ना हो वह उनके शत्रु जैसे होते हैं। चाणक्य ने अपनी नीति में माता-पिता को गलतियों का वर्णन भी किया है जिसकी वजह से बच्चे परेशान रहते हैं। इनके बारे में हर माता-पिता को जानना चाहिए।

माता-पिता की गलतियों पर क्या बोले आचार्य चाणक्य? (Chanakya Niti for Parents)

आचार्य चाणक्य ने बताया है कि मां-बाप की कुछ ऐसी गलतियां होती हैं जिन्हें बच्चों को हमेशा भुगतना पड़ता है। इसका असर उनके जीवन में पड़ता है। चलिए बताते हैं उन गलतियों के बारे में जिससे आप उन्हें सुधार सकें।

1. अगर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे रहे हैं तो वो उनके शत्रु के समान हैं। उन्हें पढ़ाना-लिखाना उनको जीवन में बड़े हथियार देने के समान होता है जिससे वो लोग गरीबी या दूसरी चीजों से लड़ाई अच्छे से लड़ सकते हैं।

2. विद्वानों के समूह में अनपढ़ इंसान कभी शोभा नहीं देता है और ऐसा आपके बच्चों को भी लग सकता है क्योंकि उन्हें हमेशा इसका तिरस्कार झेलना होगा। पढ़ाना बच्चों को बहुत जरूरी होता है और साथ में संस्कार भी देना चाहिए।

3. आचार्य चाणक्या कहते हैं कि विद्वानों के ग्रुप में अनपढ़ व्यक्ति का अपमान हमेशा होता है। ऐसे में उसकी हालत हंसों के झुंड में बगुले जैसी हो जाती है। इसलिए बच्चों को रहन-सहन सिखाने के साथ योग्य बनाएं।

4. आचार्य चाणक्य के अनुसार, इंसान की योनि में जन्म लेने से बुद्धि नहीं आती है उसको आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा देनी बहुत जरूरी है। ये शिक्षा उच्च स्तर की हो तो ही अच्छा है, इसके बारे में माता-पिता को योजना बनानी चाहिए।
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