मौर्य साम्राज्य के समकालीन आचार्य चाणक्य अपनी कृति ‘नीति शास्त्र’ के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। प्राचीन काल में अखंड भारत के निर्माण में चाणक्य ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इसलिए उन्हें भारत का कौटिल्य भी कहा जाता है। उनके बताये मार्ग पर चलकर चन्द्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की स्थापना की। आचार्य चाणक्य के विचार आज भी प्रासंगिक हैं।
एक सामान्य व्यक्ति भी नैतिकता के विचारों का पालन करके अपने जीवन में सफल हो सकता है। अगर आप भी अपने जीवन में अत्यधिक असमानता से परेशान हैं तो प्रतिदिन स्नान-ध्यान के बाद इन 3 नियमों का पालन करें। इन उपायों को करने से व्यक्ति को अपार धन की प्राप्ति होती है। हमें बताइए-
आचार्य चाणक्य अपनी कृति नीति शास्त्र के नौवें अध्याय के 12वें श्लोक में कहते हैं कि व्यक्ति अपने कर्मों से अपना भविष्य निर्धारित करता है। कोई भी व्यक्ति सरल उपाय करके स्वर्ग के राजा इंद्र की संपत्ति पर नियंत्रण कर सकता है।
इसके लिए व्यक्ति को ईश्वर के प्रति समर्पण करना अनिवार्य है। इसलिए रोजाना स्नान-ध्यान के बाद सबसे पहले सूर्य देव को जल अर्पित करें।
इसके बाद अपने हाथों से भगवान के लिए माला बुनें. इस माला को भगवान नारायण को अर्पित करें। इसके बाद चंदन को घिसकर सबसे पहले भगवान को अर्पित करें। फिर इसे अपने माथे और गर्दन पर लगाएं। अंत में एक श्लोक या मंत्र लिखें और उसे सुनें।इसे भी जरूर पढ़ें –
ये तीन उपाय आप परिवार के सदस्यों के बीच भी कर सकते हैं। ये 3 उपाय रोजाना करने से सुख, सौभाग्य और आय में अपार वृद्धि होती है। आचार्य चाणक्य आगे कहते हैं कि इन उपायों को करने से स्वर्ग के धन को नियंत्रित किया जा सकता है। अगर आप आर्थिक परेशानियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो रोजाना ये 3 उपाय/नियम जरूर अपनाएं।