Consumer Court : क्या कंज्यूमर कोर्ट में आप खुद लड़ सकते हैं केस, जानिये इसका जवाब!

Consumer Court : क्या कंज्यूमर कोर्ट में आप खुद लड़ सकते हैं केस, जानिये इसका जवाब!

My job alarm – (Consumer Court Rules): कोर्ट-कचहरी की प्रकियाएं कानूनी होती हैं, इनके बारे में आम आदमी की जानकारी ना के बराबर होती है। अब कंज्यूमर कोर्ट को ही ले लीजिए, इस कोर्ट के बारे में भी कई लोगों की जानकारी कम ही हाेती है। खासकर कंज्यूमर कोर्ट में केस (case in consumer court) लड़ने की क्या प्रक्रिया है, इससे तो कई का वास्ता ही नहीं होता। कंज्यूमर कोर्ट को लेकर एक सवाल लोगों के मन में यह भी होता है कि क्या इस काेर्ट में अपना केस खुद लड़ सकते हैं। इस सवाल का जवाब आप इस खबर में जान सकते हैं।

 

 

कंज्यूमर कोर्ट के नियमों और प्रक्रिया को समझना जरूरी-

कंज्यूमर कोर्ट में अपना मामला खुद लड़ने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना पड़ता है। सबसे पहले, आपको अदालत में यह जानकारी देनी होती है कि आप बिना वकील के ‘पार्टी-इन-पर्सन’ ही केस में हिस्सा ले रहे हैं। इसे प्रो सीडीओ (Pro CDO)यानी स्वयं प्रतिनिधित्व कहा जाता है और एक आवेदन कर इसके लिए अनुमति लेनी होती है।

इसके बाद, आपको उक्त मामले, कागजातों की जानकारी सहित कानून, कोर्ट के नियमों और प्रक्रिया (Process of fighting case in consumer court) को समझना जरूरी है, ताकि आप सही तरीके से अपना मामला आगे बढ़ा सकें। यह भी अहम है कि जिन धाराओं के तहत आपका मामला दायर किया गया है, उनके बारे में पूरी जानकारी हो। ऐसे में सही तैयारी और जानकारी के साथ ही आप अपने केस में सफल हो सकते हैं।

केस के लिए पैसे नहीं हैं तो सरकार करेगी मदद-

अगर आप कंज्यूमर कोर्ट (consumer court rules) में अपना केस खुद लड़ना चाहते हैं तो आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि सबसे पहले तो आप अदालत में पूरी ईमानदारी से पेश आएं और  संविधान का पालन करते हुए कोई अभद्रता न करें। इस कोर्ट में केस लड़ते समय वकील रखने के लिए पैसे न होने  पर आप कोर्ट से सरकारी वकील की मदद भी मांग सकते हैं, जो आपको मुफ्त में कानूनी सहायता प्रदान करेंगे। आप इस सुविधा का फायदा उठा सकते हैं।

नहीं होती किसी डिग्री की जरूरत –

आमतौर पर लोग यही समझते हैं कि कोर्ट में कोई भी केस (consumer court me case kaise lden) लड़ने के लिए कानून की पढ़ाई या डिग्री की जरूरत होती है, लेकिन इस कोर्ट जब खुद अपना केस लड़ रहे हों तो किसी डिग्री की जरूरत नहीं होती।इसके लिए सिर्फ यह जरूरी है कि आप एक ग्राहक हों और आपका मामला सही हो। आपको अदालत में अपने दावे को सही साबित करने के लिए सुबूत भी पेश करने होंगे, ताकि आपकी बात को मान्यता मिल सके।

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