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Diabetes: एक गिलास पानी में इस जड़ी-बूटी को पिएं, फौरन ब्लड शुगर होगा कंट्रोल

Diabetes: एक गिलास पानी में इस जड़ी-बूटी को पिएं, फौरन ब्लड शुगर होगा कंट्रोल

Diabetes: एक गिलास पानी में इस जड़ी-बूटी को पिएं, फौरन ब्लड शुगर होगा कंट्रोल

देश भर में डायबिटीज के मरीज तेजी से फैल रहे हैं। इससे पीड़ित मरीजों के शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम होने लगती है। जिससे शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है। शतावरी एक आयुर्वेदिक औषधीय जड़ी बूटी है। यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद मानी गई है। शतावरी से इम्यूनिटी मजबूत होती है। इसे पाउडर, लिक्विड, चाय और टैबलेट के रूप में लिया जा सकता है। अगर अश्वगंधा को आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का राजा माना जाता है, उसी तरह शतावरी को आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की रानी के रूप में जाना जाता है।

शतावरी को अंग्रेजी में एस्पेरेगस (Asparagus) के नाम से भी जाना जाता है। शतावरी बेल या झाड़ के जैसी दिखने वाली एक जड़ी बूटी है। इसकी हर एक बेल के नीचे 100 से भी अधिक जड़ें होती है। ये कीब 30-100 सेमी लंबी और करीब 1-2 सेमी मोटी होती है। शतावरी डायबिटीज के मरीजो क लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

डायबिटीज के लिए रामबाण है शतावरी

एक स्टडी में कहा गया है कि शतावरी में कुछ ऐसे खास यौगिक तत्व पाए जाते हैं। जिससे इंसुलिन के उत्पादन में तेजी आती है। इससे शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। शतावरी में भारी मात्रा में पॉलीफेनोल्स मौजूद होते हैं। वहीं की स्टडी में ये भी कहा गया है कि पॉलीफेनोल्स ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने के अलावा टिप 2 डायबिटीज को भी कंट्रोल करने में मदद करते हैं। वहीं शतावरी में फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह डायबिटीज के रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद माना गया है।

शतावरी का कैसे करें सेवन?

1 – रात में सोने से पहले एक गिलास पानी में आधा छोटा चम्मच शतावरी का पाउडर मिलकार सेवन कर सकते हैं।

2 – शतावरी की जड़ों को सुखवाकर इसे पाउडर बना लें। इस पाउडर को गुनगुने पानी में या दूध के साथ सुबह खाली पेट भी सेवन किया जा सकता है।

3 – शतावरी का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।इसे भी जरूर पढ़ें –

शतावरी से इम्यून सिस्टम रहता है मजबूत

शतावरी का सदियों से आयुर्वेद में एक इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में प्रयोग किया जाता है। औषधीय जड़ी बूटी खाने से शरीर में एंटीबॉडी को बढ़ाने में मदद मिलती है। इस प्रकार आपको खांसी, सर्दी, फ्लू और अन्य मौसमी वायरल और जीवाणु रोगों से बचाने में मदद मिलती है।

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