FASTAG का सिस्टम हुआ खत्म, नए साल से इस तरीके से कटेगा टोल टैक्स

Himachali Khabar (toll tax new rules) : वाहन चालकों के लिए जरूरी अपडेट है। टोल टैक्स कलेक्शन के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर बहुत सारे टोल प्लाजा (Toll Plaza) बने होते हैं। अब तक टोल टैक्स का भुगतान करने के लिए फास्टैग सिस्टम (FASTAG system) का सहारा लिया जाता था, लेकिन अब सरकार इस व्यवस्था को बदलने जा रही है। जल्द ही नई व्यवस्था देश के टोल प्लाजा (toll palaza) पर देखने को मिलेगी। इस नए सिस्टम को वाहन चालकों की सुविधा के लिए लागू किया जा रहा है।

 

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ऐसे काम करगा नया नया सिस्टम

जानकारी के मुताबिक अब नई व्यवस्था जीपीएस युक्त (GPS based toll system) होगी और यह ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम के तहत काम करेगी। कहा जा रहा है कि इस नए साल में इस नए तरीके में टोल क्लेशन के लिए ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (Global Navigation Satellite System) का उपयोग किया जाएगा, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक परिवहन मंत्रालय इसी साल GNSS (ग्लोबल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम) सिस्टम से टोल वसूली को मंजूरी दे सकता है क्योंकि फास्टैग से आम आदमी की जेब पर भार बढ़ रहा है।

वाहन चालकों को होगी यह सुविधा

कई बार फास्टैग की वजह से लोगों को ज्यादा पैसा चुकाना पड़ता है लेकिन अब वाहन चालकों (GNSS kaise krega kaam)को राहत मिलने वाली है, क्योंकि अब वाहन संचालक (National Highway toll tax Rules) की पॅाकेट से उतना ही पैसा कटेगा, जितना वह हाईवे का यूज करेगा। हालांकि अभी तक इस व्यवस्था को लागू नहीं किया गया है और इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है।

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फिलहाल Toll Tax भुगतान की यह है व्यवस्था

वर्तमान में टोल टैक्स वसूली के लिए फास्टैग व्यवस्था (FASTag) लागू है। फास्टैग के नियमों के तहत प्रति वाहन के सामने के शीशे पर फास्टैग चिपका होता है। इन फास्टैग को टोल नाकों पर स्कैन किया जाता है। फास्टैग को पैसा खत्म होने पर रिचार्ज किया जाता है। लेकिन अब बताया जा रहा है कि फास्टैग (Fastag new system) खर्चीला होने के कारण जेब पर भारी पड़ रहा है। 

हाईवे (Highway) का कम यूज करने वाले लोग भी उतना ही पैसा चुकाते हैं, जितना ज्यादा टोल रोड का यूज करने वाले। अब इन समस्याओं के निपटान के लिए बहुत जल्द फास्टैग सिस्टम को बदलने की तैयारी सरकार कर रही है। आने वाले समय में GNSS सिस्टम (GNSS system se kaise katega Toll Tax) से टोल टैक्स की वसूली होगी। यानि जीपीएस के माध्यम से आपके खाते से उतना ही पैसा डिडैक्ट होगा, जितना आपने हाईवे का यूज किया है। 
 

जानिए क्या है ये नया सिस्टम

फास्टैग की नई व्यवस्था को जीएनएसएस सिस्टम (GNSS System in fastag rules) के नाम से जाना जाएगा। GNSS का अर्थ है ग्लोबल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम। फिलहाल तो देश के अधिकतर टोल प्लाजा पर फास्टैग व्यवस्था (fastag system in india)ही लागू है, लेकिन अब नए सिस्टम को लागू करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि ये सिस्टम काम कैसे करेगा।

 

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ने दी ये जानकारी

इस बारे में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री का कहना है कि शुरुआती चरण में देश के कुछ चुनिंदा राष्ट्रीय राजमार्गों पर ही GNSS बेस्ड टोल सिस्टम बनाया जाएगा। इसके बाद धीरे-धीरे इसे सभी राजमार्गों पर बने टोल प्लाजाओं पर लागू किया जाएगा। नया सिस्टम GNSS यानी ग्लोबल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम लागू हो जाता है तो इसके बाद फास्टैग की जरूरत नहीं होग और ना ही समय की बर्बादी होगी। वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर (nya toll tax system kab lagu hoga) टोल टैक्स कटवाने के लिए लंबी कतारों में भी नहीं लगना पड़ेगा।
 

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