
शिमला. हिमाचल प्रदेश में माननीयों की मौत हो गई है. 9 साल बाद सरकार ने सीएम, मंत्री, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, विधायक औऱ पूर्व विधायकों के वेतन में इजाफा कर दिया है. इसी साल 28 मार्च 2025 को विधानसभा में इस संबंध में बिल पास हुआ था, जिसे अब राज्यपाल ने मंजूरी दे दी है और दिवाली से पहले माननीयों की सैलरी बढ़ गई है. सरकार की तरफ से इस संबंध में नोटिफिकिशन जारी कर दी गई है. जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में सीएम, मंत्री औऱ विधायकों की सैलरी और भत्तों में करीब 25 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. माननीयों के वेतन-भत्तों से जुड़े तीन बिलों को राज्यपाल ने हरी झंडी दे दी.
पास हुए बिल के अनुसार, पूर्व विधायकों की बेसिक पेंशन 36,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है. अब तक पूर्व विधायक को डीए मिलाकर 93,240 रुपये पेंशन मिलती थी. लेकिन अब 1,29,500 रुपये हर महीने मिलेंगे. उधऱ, मुख्यमंत्री को पहले 2.65 लाख महीना सैलरी मिलती थी. लेकिन अब यह बढ़कर 3.50 लाख हो गई है. इसी तरह, विधानसभा अध्यक्ष को पहले 2.55 लाख रुपये और अब 3.45 लाख रुपये, कैबिनेट मंत्री को 2.55 लाख रुपये और अब 3.10 ला, विधानसभा उपाध्यक्ष को पहले 2.50 लाख औऱ अब 3.40 लाख रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाएगा. इसी तरह विधायकों की सैलरी में प्रतिमाह 70 हजार रुपये का इजाफा किया गया है और अब उन्हें 2.10 लाख के बजाय 2.80 लाख रुपये वेतन मिलेगा.
गौरतलब है कि इससे अब विधायक को 85 हजार बेसिक सैलरी मिलेगी, जो कि इससे पहले 55 हजार रुपये थी. हालांकि, सरकार ने तीन भत्तों को खत्म कर दिया है. इसमें टेलीफोन भत्ता 15 हजार रुपये, डाटा ऑपरेटर स्टाफ और बिजली पानी के भत्ते खत्म कर दिए गए हैं. अधिसूचना में कहा गया है कि हर पांच साल सैलरी में इजाफा होगा. गौर रहे कि विधायकों को पहले कार्यालय भत्ता 90 हजार मिलता था, लेकिन अब इसे 1.20 लाख रुपये कर दिया गया है. वहीं विधानसभा की प्रति बैठक के पहले 1800 रुपये मिलते थे लेकिन अब 2500 रुपये मिलेंगे.
एक साथ हो गए थे विपक्ष और पक्ष
वेतन और भत्तों से जुड़े बिल को पास करने के दौरान पक्ष और विपक्ष विधानसभा में एक साथ नजर आए थे. अहम बात है कि प्रदेश में आर्थिक संकट है और ऐसे में लोग सैलरी बढ़ाने पर सवाल उठा रहे थे. इससे पहले, 2016 में वीरभद्र सरकार में विधायकों की सैलरी में इजाफा किया गया था.गौरतलब है कि सुक्खू सरकार ने दो दिन पहले कर्मचारियों को 3 फीसदी डीए देने का ऐलान किया. वहीं, प्रदेश के ऑउटसोर्स कर्मचारियों को उनकी सैलरी भी पहले देने के आदेश दिए हैं.