सपना आया कि कल्की…संभल मस्जिद विवाद में हिंदू पक्ष के वादी और वकील हरिशंकर जैन ने ये बोल चौंकाया

UP News: संभल जामा मस्जिद सर्वे को लेकर भड़की हिंसा पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है. दरअसल संभल जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां पहले हरिहर मंदिर था, जिसे मुगल काल में गिराकर यहां मस्जिद का निर्माण करवाया गया था. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णुशंकर जैन इस मामले में काफी एक्टिव रहे और हिंदू पक्ष की तरफ से वह इस मामले को लेकर कोर्ट गए. विष्णुशंकर जैन के पिता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन भी इस मामले में हिंदू पक्ष की तरफ से वादी हैं. बताया जाता है कि हरिशंकर जैन अयोध्या केस में भी काफी सक्रिय रहे थे.

इसी बीच UP TAK ने  सुप्रीम कोर्ट के वकील और संभल मामले में हिंदू पक्ष के वादी हरिशंकर जैन से खास बात की और जाना की संभल विवाद की जड़ क्या है? इस दौरान हरिशंकर जैन ने काफी कुछ ऐसा बताया, जो अब चर्चाओं में आ गया है और उनका एक बयान भी काफी वायरल हो रहा है. दरअसल हरिशंकर जैन ने बताया कि उन्हें सपना आया कि कल्की महाराज का जन्म होना है और उन्हें संभल के लिए कुछ करना चाहिए, इसलिए ये मामला कोर्ट में ले जाया गया. बता दें कि अब हरिशंकर जैन का ये बयान काफी चर्चाओं में आ गया है.

दरअसल माना जाता है कि भगवान विष्णु के अवतार भगवान कल्की का जन्म संभल में ही होगा. हिंदू पक्ष का दावा है कि हरिहर मंदिर में ही भगवान कल्की का जन्म होना है, जिसे गिराकर वहां मस्जिद बनाई गई. पिछले दिनों जब दूसरी बार सर्वे टीम संभल जामा मस्जिद में सर्वे करने पहुंची थी, तभी वहां बवाल हो गया था. इस हिंसा में 4 से 5 लोगों की मौत हुई थी तो कई पुलिसकर्मी गंभीर घायल हो गए थे. 

सपा चीफ अखिलेश यादव ने उठाया सवाल

बता दें कि हरिशंकर जैन की सपने वाले बयान को लेकर सपा मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सवाल खड़े किए हैं. सपा चीफ ने कहा है कि न्यायिक प्रक्रिया का आधार ‘साक्ष्य’ होना चाहिए, ना कि ‘स्वप्न’.

सपा चीफ अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया X पर लिखा, न्यायिक प्रक्रिया का आधार ‘साक्ष्य’ होना चाहिए; ‘स्वप्न’ नहीं. इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय संभल हादसे के लिए ज़िम्मेदार सभी लोगों और स्वप्न पर आधारित सर्वे करानेवालों और उससे जुड़े अधिवक्ताओं के ख़िलाफ़ ऐसी दंडात्मक कार्रवाई करे कि इस देश का अमन-चैन छीननेवाले नकारात्मक तत्व फिर कभी सिर न उठा सकें. 

न्यायिक प्रक्रिया का आधार ‘साक्ष्य’ होना चाहिए; ‘स्वप्न’ नहीं।

इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय संभल हादसे के लिए ज़िम्मेदार सभी लोगों और स्वप्न पर आधारित सर्वे करानेवालों और उससे जुड़े अधिवक्ताओं के ख़िलाफ़ ऐसी दंडात्मक कार्रवाई करे कि इस देश का अमन-चैन छीननेवाले नकारात्मक तत्व…pic.twitter.com/Ym2QdvmMTW— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 27, 2024 “>

सपा चीफ अखिलेश यादव ने आगे कहा, ‘बार एसोसिएशन से उम्मीद है कि वो भी इस पर दंडात्मक-अनुशासनात्मक कार्रवाई करे. इस मामले में अधिवक्ता संघों को भी आगे आना चाहिए क्योंकि अगर लोगों का विश्वास न्याय से उठ गया तो फिर कोई इंसाफ़ की उम्मीद में उनके पास नहीं जाएगा. इस बात से, एक पेशेवर होने के नाते, सबसे ज़्यादा नुक़सान अधिवक्ताओं को ही होगा. ये उनके पेशे के सम्मान का भी विषय है और उनके जीवनयापन का भी.’

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