घटनास्थल पर तुरंत मदद मुहैया करवाएगा बिलासपुर एम्स, हेलिकाप्टर-ट्रक में स्पॉट पर पहुंचाई जाएगी मोबाइल यूनिट
अब हिमाचल प्रदेश में कहीं भी बड़ी प्राकृतिक आपदा या फिर मानवीय संकट के दौरान भीष्म प्रोजेक्ट के जरिए तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की जा सकेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान बिलासपुर में आपदा अस्पताल अरोग्य मैत्री उपलब्ध होगा। अगले दो से तीन महीनों के अंदर एम्स में यह महत्त्वपूर्ण सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। खास बात यह है कि आपात स्थिति में जरूरत पडऩे पर मोबाइल यूनिट को हेलिकॉप्टर या फिर ट्रक के माध्यम से स्पॉट पर ले जाया जाएगा। कहीं भी आपदा होने पर इस अस्पताल को महज आठ मिनट में तैयार कर मरीजों का इलाज शुरू किया जा सकता है। लगभग 720 किलो के 36 बॉक्स में इसका सारा सामान आ जाता है, जिसे हेलिकॉप्टर से नीचे फेंकने पर भी बॉक्स नहीं टूटते हैं और न ही पानी का असर होता है।
एक साथ 200 घायलों का होगा इलाज
बिलासपुर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि एम्स बिलासपुर में भीष्म प्रोजेक्ट के तहत मोबाइल अस्पताल की सुविधा अगले दो से तीन महीने में शुरू हो जाएगी। कहीं भी बड़ी आपदा व घटना होने पर त्वरित उपचार के लिए एम्स के डॉक्टर्स टीम व अन्य स्टाफ पूरे सेट के साथ स्पॉट पर पहुंचेंगे और एकसाथ 200 घायलों का इलाज किया जा सकेगा। सेट में एक्स-रे, ब्लड सैंपल, वेंटिलेटर, आपरेशन थियेटर, दवाइयां व अन्य उपकरण और सारा जरूरी सामान उपलब्ध होगा। एम्स ने अलग से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार किया है, जो कि आपदा के दौरान लोगों का समय पर इलाज के लिए महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगा।
डीसी आफिस के कंट्रोल रूम के साथ जुड़ेगा एम्स का कंट्रोल रूम
एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डा. दिनेश वर्मा के अनुसार एम्स बिलासपुर अब प्रदेश के सभी जिलों के साथ समन्वय बनाएगा। बिलासपुर मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम के साथ एम्स का कंट्रोल रूम जुड़ जाएगा और यह 24 घंटे की सर्विस प्रोवाइड कराएगा। इसके तहत कहीं भी बड़ी घटना या दुर्घटना होने पर चंद मिनट में एम्स में सूचना पहुंच जाएगी।