
कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल और एएसआई पद पर पदोन्नति के लिए ली जाने वाली पुलिस विभाग की बी-1 परीक्षा साइट क्रैश होने के चलते रद्द कर दी गई है। रविवार को ऑनलाइन परीक्षा के दौरान सर्वर फेल होने से कंप्यूटर हैंग हो गए। आठ साल बाद यह परीक्षा ली जा रही थी। प्रदेश के सभी जिलों में परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए थे। करीब 4,461 जवान यह परीक्षा दे रहे थे।
रविवार को परीक्षा के दौरान तकनीकी समस्या के कारण जब टेस्ट सबमिट नही हुआ तो हड़कंप मंच गया। अब यह परीक्षा दोबारा आयोजित होगी, पुलिस विभाग इसके लिए जल्द नई तारीख तय करेगा। सुबह के सत्र में 2,696 और शाम के सत्र में 1,765 परीक्षार्थियों को परीक्षा देनी थी।
हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग की ओर से करीब 8 साल के लंबे अंतराल के बाद पदोन्नति का इंतजार कर रहे पुलिस जवानों के लिए यह परीक्षा आयोजित की थी। हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रानिक्स विकास निगम लिमिटेड को परीक्षा आयोजित करने का जिम्मा सौंपा गया था और पुलिस मुख्यालय की ओर से संबंधित जिला पुलिस अधीक्षकों को परीक्षा प्रभारी बनाया गया था।
पुलिस विभाग की यह परीक्षा 21 सितंबर को प्रस्तावित थी, लेकिन भारी बारिश के कारण परीक्षा स्थगित कर दी गई थी। प्रदेश पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) ने परीक्षा के सफल आयोजन को लेकर सभी जिलों और इकाइयों को दिशा-निर्देश जारी किए थे। सभी संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने कमांड क्षेत्र में तैनात परीक्षार्थियों को निर्धारित तिथि के अनुसार परीक्षा की तैयारी सुनिश्चित करने और परीक्षा केंद्रों में समय पर पहुंचने के निर्देश दिए गए थे। शनिवार को भी पुलिस मुख्यालय ने परीक्षार्थियों से अपील की थी कि वह निर्धारित समय से पहले परीक्षा केंद्रों में पहुंचे और परीक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
अभ्यार्थियों को हुई असुविधा के लिए खेद : पीएचक्यू
प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने परीक्षा रद होने के कारण प्रतिभागी अभ्यार्थियों को हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया है। जल्द ही परीक्षा की नई तिथियां निर्धारित कर घोषित की जाएंगी। अभ्यर्थी अपने जिला पुलिस कार्यालयों और हिमाचल पुलिस के आधिकारिक सोशल मीडिया संचार साधनों से सूचनाएं प्राप्त करें।
जयराम ठाकुर बोले- बी-1 परीक्षा की खामियों ने खोली व्यवस्था परिवर्तन की पोल
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी से जारी बयान में कहा है कि हिमाचल पुलिस के विभागीय प्रोन्नति परीक्षा (बी–1) में सरकार की व्यवस्था ही बैठ गई। सरकार एक तरफ लोगों को नौकरी न देने के हजार तरीके खोज रही है तो दूसरी तरफ डिपार्टमेंटल प्रमोशन एग्जाम में भी लापरवाही बरत रही है। बिना किसी इंतजाम के इतनी बड़ी परीक्षा का आयोजन सरकार की मंशा और तैयारियों पर सवाल उठा रहा है। लोग 6 घंटे तक बैठे रहे, लेकिन व्यवस्थापकों द्वारा तकनीकी खामी दूर नहीं की जा सकी। किसी जगह पर लोगों के जवाब सबमिट नहीं हो रहे थे तो कहीं पर प्रश्नों के उत्तरों में ही गलत विकल्प आ रहे थे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि कहीं पर मेन सर्वर से परीक्षा केंद्र लिंक नहीं हो पाए तो कहीं पर एक ही साथ शुरू हुई परीक्षा में प्रश्नों की संख्या में, तो कहीं पर परीक्षा के समयावधि में भारी अंतर देखने को मिल रहा था। पहली पारी में परीक्षा देने आए लोगों को दूसरी पारी में भी परीक्षा देने के लिए बैठाया गया। पूरी परीक्षा में ही उहापोह और अराजकता की स्थिति बनी रही। जब यह बात पूरी तरीके से बाहर आ गई और परीक्षार्थियों द्वारा भारी पैमाने पर विरोध हुआ तो आनन-फानन में प्रशासन द्वारा यह परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया गया। यह सरकार की नाकामी और खराब प्रबंधन का एक जीता जागता उदाहरण है। बिना ट्रायल रन किए ही परीक्षा का आयोजन करवाया गया या फिर विभिन्न मानकों की अनदेखी की गई। यह कोई पहली बार नहीं है जब सरकार द्वारा आयोजित की गई परीक्षा पर प्रश्न चिन्ह उठ रहा हो।